कासगंज: विषैला मिड डे मील बच्चों को परोसा था, एफएसडीए की जांच में नमूने फेल...

माहेश्वरी इंटर कॉलेज में मिड डे मील खाने से बिगड़ गई थी 56 बच्चों की हालत

कासगंज: विषैला मिड डे मील बच्चों को परोसा था, एफएसडीए की जांच में नमूने फेल...

कासगंज, अमृत विचार। जिले में जिम्मेदारों की अनदेखी कहीं जाए, या जानकारी के बावजूद अनजान बने रहने का खेल। जो भी हो मिड डे मील वितरण व्यवस्था में घुन लग चुका है। कार्यदायी संस्था विद्यार्थियों के लिए विषैला भोजन परोस रही है। पिछले दिनों मिड डे मील खाने से बिगड़ी 56 बच्चों की हालत के मामले में शुरु हुई जांच में जिम्मेदार लापरवाह पाए गए हैं। एफएसडीए द्वारा लिए गए नमूनों की रिपोर्ट में मिलावट खोरी स्पष्ट हुई है।

जांच अधिकारी एसडीएम ने डीएम को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कहीं न कहीं बेसिक शिक्षा  विभाग इसके लिए जिम्मेदार माना गया है।
बीती एक अगस्त को शहर के नदरई गेट क्षेत्र में सुमंत कुमार माहेश्वरी इंटर कॉलेज में मिड डे मील खाने से 56 विद्यार्थियों की हालत बिगड़ गई थी। उलटी और दस्त की शिकायत से विद्यार्थी परेशान रहे। उनकी जान खतरे में पड़ी। तत्काल उनका उपचार कराया गया। डीएम मेधा रुपम ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई। भोजन वितरण के लिए नामित कार्यदायी संस्था आशफीर देवी ग्राम उद्योग संस्थान ने बच्चों की जान से खिलवाड़ किया तो भोजन वितरण की जांच एसडीएम न्यायायिक प्रदीप विमल के नेतृत्व में शुरू कराई गई। इधर माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यो ने भोजन लेने से इंकार कर दिया। डीआईओएस प्रदीप मौर्य और बेसिक शिक्षाधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने भी जांच शुरू की। खाद्य सुरक्षा सहायक आयुक्त आनंद देव ने मिड डे मील भोजन के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे। लम्बे समय के इंतजार के बाद जांच रिपोर्ट आई है, तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। दाल और रोटी में मिलावट की पुष्टि हुई है। हालांकि मिलावट क्या थी, यह तो स्पष्ट नहीं हुआ है। इधर जांच कर रहे एसडीएम न्यायायिक ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौप दी है। लापरवाहों पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है। मामले में बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही प्रथम दृष्टया सामने आ रही है। 

पानी की रिपोर्ट का भी इंतजार
दाल और रोटी के नमूनों की रिपोर्ट आ गई है, लेकिन अभी पानी के नमूनों की रिपोर्ट नहीं आई है। खाद्य सुरक्षा विभाग इस रिपोर्ट का भी इंतजार कर रहा है। माना जा रहा है कि अनदेखी के कारण संक्रमित भोजन वितरण किया गया है। 

रिपोर्ट है किधर, बीएसए बेखबर
मिड डे मील वितरण की जिम्मेदारी संभाले बैठे बेसिक शिक्षाविभाग के अधिकारी पूरी तरह लापरवाह है। उन्हें बच्चों की सेहत से कोई लेना देना नहीं है। इसकी पुष्टि बीएसए की लापरवाही से हो रही है। बीएसए सूर्यप्रताप को इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। कब जांच रिपोर्ट अधिकारियों को सौप दी गई। कब खाद्य सामिग्री के नमूने की रिपोर्ट आई। इससे बीएसए पूरी तरह से बेखबर है।

क्या बोले अधिकारी-

खाद्य नमूनों की रिपोर्ट आ गई है। दाल और रोटी में कीड़े होने के कारण भोजन संक्रमित हो गया था। यह संक्रमित किसी मिलावट से हुआ है। इसकी जांच हो रही है। नमूनों की रिपोर्ट उच्चधिकारियों को दे दी गई है। -आनंद देव,खाद्य सुरक्षा सहायक आयुक्त।

अभी हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि जांच में क्या हुआ। नमूनों की रिपोर्ट भी अभी देखने को नहीं मिली है। अन्य विभागीय कार्य होने के कारण व्यस्तता है। कार्यालय पहुंच कर पूरी जानकारी करेंगे। -सूर्य प्रताप सिंह, बीएसए। 

प्रधानाचार्य परिषद की बैठक में यह निर्णय पहले ही लिया जा चुका है, कि कार्यदायी संस्था से भोजन वितरण नहीं कराया जाएगा। संक्रमित भोजन की पुष्टि हो चुकी है। किसी उच्च स्तरीय संस्था से ही भोजन वितरण कराये जाना चाहिए। -आलोक दुबे, प्रधानाचार्य परिषद। 

मामले में डीएम ने हमें जांच सौपी थी। जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है। किस पर क्या कार्रवाई हुई, यह तो बीएसए ही बता पायेंगे। उन्हीं के अधिकार क्षेत्र का मामला है। -प्रदीप विमल, एसडीएम, न्यायायिक।

बेसिक शिक्षा विभाग की है जिम्मेदारी
मिड डे मील वितरण की जिम्मेदारी बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में बेसिक शिक्षा विभाग की है। कई बार कार्यदायी संस्था पर सवाल भी उठते रहे, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने संस्था का अनुबंध खत्म नहीं किया। इससे प्रतीत होता है कहीं न कहीं मिली भगत है।