लखनऊ: NHM कार्यालय पर कल पहुंचेंगे 12 हजार CHO, करेंगे प्रदर्शन

लखनऊ: NHM कार्यालय पर कल पहुंचेंगे 12 हजार CHO, करेंगे प्रदर्शन

लखनऊ, अमृत विचार। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत प्रदेश में कार्यरत करीब 20 हजार कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) में भारी नाराजगी है। 21 अगस्त से लेकर 27 अगस्त तक ऑनलाइन कार्य को बंद कर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। अब 28 अगस्त को बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि 28 अगस्त को करीब 12 हजार सीएचओ अपनी मांगों को लेकर एनएचएम कार्यालय का घेराव करेंगे। यह जानकारी उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के मीडिया प्रभारी प्रदीप राजपूत ने हजरतगंज स्थित कॉफी हाउस में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी।
 
पत्रकारों को संबोधित करते हुये संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि सभी सीएचओ को तैनाती स्थल यानी की हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर रोजाना सुबह और शाम यानी की दो बार अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम (AMS) पर हाजिरी लगानी होगी। ऐसे में उत्तर प्रदेश एसोसिएशन आफ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की तरफ से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रमुख सचिव को पत्र लिख कर एएमएस पर उपस्थिति में सुधार की मांग की गई थी, लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई, तो आंदोलन ही एक मात्र रास्ता बचता है। ऐसे में करीब 12 हजार सीएचओ कल एनएचएम कार्यालय पर पहुंचेंगे और प्रदर्शन कर अपनी मांग रखेंगे। यदि इसके बाद भी CHO की मांगे नहीं मानी जाती है तो संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ भी मैदान में उतरेगा और आन्दोलन में हिस्सा लेगा।
 
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों पर AMS (Attendance Management System) प्रणाली लागू हो। इसके अलावा भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार CHO का कैडर निर्माण कर, 6 वर्ष की सेवा दे चुके CHO को नियमित किया जाए। अन्य राज्यों की तरह CHO का वेतन उत्तर प्रदेश में भी 25000+15000 किया जाए और पीबीआई को सैलरी में मर्ज किया जाए, जैसे मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार, मेघालय, मणिपुर में NHM के तहत CHO को 4800 ग्रेड पे अनुरूप वेतन का निर्धारण और महंगाई भत्ता प्रदान किया जा रहा है।
 
इसके अलावा उन्होंने कहा कि AMS लागू करने से पहले अन्य विभागों या सरकारी कर्मियों की भाँति सीएचओ के लिए वर्ष में 30 अर्जित अवकाश (Earned Leave) की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को स्वैच्छिक स्थानांतरण का लाभ दिया जाए, जिससे वे अपने गृह जनपद में पहुंचकर बेहतर कार्य कर सकें। EL की व्यवस्था लागू होने तक AMS लगाने वाले कैडर के लिए ऑप्शनल लीव (Optional Leave) की व्यवस्था की जाए, जिसमें रविवार और राजपत्रित अवकाश (Gazetted Holidays) के दिनों में ड्यूटी करने पर उसी माह में अन्य दिनों में अवकाश लेने की सुविधा हो, जिसमें 5 अवकाश तक एक साथ लिया जा सके।
 
उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के प्रदेश अध्यक्ष हिमालय कुमार ने बताया कि आज प्रदेश का प्रत्येक सीएचओ अपने शोषण के खिलाफ न्याय पाने को आतुर है, आनलाइन उपस्थिति केवल CHO पर लागू करने के तानाशाही आदेश के खिलाफ और कॅरिअर उन्नति एवं बेहतर कार्य का सम्मान पाने के लिए कार्य बहिष्कार करने को विवश है।
 
 हर CHO के मन में उठ रहे ऐसे प्रश्न
 
- क्या बेहतर और तल्लीनता से कार्य करना सरकारी विभाग में पाप है?
-क्या CHO की अपनी कोई जरूरत नहीं है ?
-क्या नियमितीकरण और कॅरिअर विकास केवल कागज पर धूल फांकने के लिए है?
- क्या स्वयं स्वस्थ व सक्षम हुए बगैर आम जन मानस को स्वस्थ रखने में बेहतर योगदान दे पाना संभव है? 
- क्या CHO द्वारा किये गए कार्य अनुभव का लाभ या बोनस अंक किसी नियमित सरकारी सेवा में उपलब्ध है? 
- क्या सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के बाद स्वयं CHO या उसके परिवार के लिए कोई स्वास्थ्य बीमा या योजना है? 
 
प्रेस वार्ता के दौरान CHO संघ के प्रदेश महामंत्री  जनक सिंह, प्रदेश सचिव नित्यम विश्वकर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष रामबाबू वर्मा, प्रदेश कोषाध्यक्ष हितेश, प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप राजपूत, जिला अध्यक्ष सीतापुर अतुल पाण्डेय, जिला अध्यक्ष लखनऊ  ममता कुमारी, जिला महामंत्री  रितु रानी सिंह, सदस्य संदीप तिवारी मौजूद रहे।
 

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