Sabarmati Express Derail: एसएजी जांच में हुआ खुलासा...तीन दशक पुरानी पटरी के टुकड़े से टकराया था साबरमती का इंजन

वर्ष 1998 के पहले बिछाई जाती थी 90आर की पटरी, अब 60 केजी ट्रैक का होता इस्तेमाल

Sabarmati Express Derail: एसएजी जांच में हुआ खुलासा...तीन दशक पुरानी पटरी के टुकड़े से टकराया था साबरमती का इंजन

कानपुर, अमृत विचार। गोविंदपुरी से भीमसेन स्टेशन के बीच झांसी रूट पर दुर्घटनाग्रस्त हुई साबरमती एक्सप्रेस की स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रुप (एसएजी) जांच में खुलासा हुआ है कि जिस बोल्डर (रेल पटरी का टुकड़ा) से ट्रेन का इंजन टकराया, वह रेलवे के 26 साल पुराने ट्रैक का हिस्सा था।

90आर पटरी के नाम से जाना जाने वाला इस तरह का ट्रैक 1998 से पहले बिछाया जाता था। 90आर पटरी के बाद रेलवे ने 52 केजी ट्रैक का प्रयोग वर्ष 2014 तक किया। अब  पटरी बिछाने में 60 केजी ट्रैक का इस्तेमाल होता है। दुर्घटनास्थल पर 60 केजी ट्रैक से ही क्षतिग्रस्त हुई 500 मीटर पटरी बदली गई है।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक 60 केजी ट्रैक का आशय एक मीटर रेल पटरी का वजन 60 किलो होने से है, जबकि 90आर में एक मीटर पटरी का वजन 50 किलो होता था। 90आर पटरी कठोर होती है।

इसी कारण 90आर ट्रैक का टुकड़ा जब साबरमती एक्सप्रेस के इंजन से टकराया तो बंधे क्लैंप से टूट गया। इसके बाद इंजन सहित 22 कोच डिरेल होते चले गए। घटनास्थल से बरामद बोल्डर की लंबाई 1.1 मीटर है। यह बोल्डर साबरमती एक्सप्रेस के 125 टन वजन के इंजन से टकराया। एसएजी टीम के अफसरों का कहना है कि 90आर पटरी का टुकड़ा कठोर होने के कारण ही इंजन व कोच डिरेल हो गए।

एसआईटी ने सबसे पहले पहुंचे इंजीनियर, गैंगमैन के लिए बयान
  
गोविंदपुरी और भीमसेन के बीच 17 अगस्त की रात 2.30 बजे वाराणसी से अहमदाबाद जा रही (19168) साबरमती एक्सप्रेस के बेपटरी होने की दुर्घटना में गठित एसआईटी ने मौके पर सबसे पहुंचने वाले सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) समेत दो गैंगमैनों के बयान दर्ज किए। इन्होंने ही ट्रैक के पास बोल्डर देखा था।  

साबरमती के लोको पायलट ने ट्रैक पर बोल्डर से टकराने के बाद ट्रेन के 22 डिब्बे पटरी से उतरने की सूचना कंट्रोल रूम में दी थी। इस पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) उन्नाव  निवासी मुकेश कुमार और ट्रॉली मैन हमीरपुर र निवासी अनिल कुमार तथा ट्रैक मैन गाजीपुर निवासी अखिलेश सिंह सबसे पहले दुर्घटना स्थल पर पहुंचे थे। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया था कि यह तीनों व्यक्ति  हादसे के वक्त जूही रेलवे कालोनी में थे और बाइक से मौके पर पहुंचे थे। एसआईटी टीम ने घटनास्थल पर उन्होंने क्या देखा, क्या-क्या मिला जैसी कई जानकारियां लीं। 

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