लखीमपुर खीरी: बैटरी फटी न बिखरा तेजाब तो कैसे हुआ धमाका...? सीसीटीवी फुटेज दे रहे बड़े विस्फोट की गवाही !

लखीमपुर खीरी: बैटरी फटी न बिखरा तेजाब तो कैसे हुआ धमाका...? सीसीटीवी फुटेज दे रहे बड़े विस्फोट की गवाही !

मोहम्मदी/लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। मोहल्ला शुक्लापुर में मेडिकल स्टोर में हुए धमाके के मामले में पुलिस जो थ्योरी बता रही है। उस पर अब लोग सवाल उठाने लगे हैं। सवाल उठना भी लाजिमी हैं, जिस इनवर्टर की बैटरी के फटने से पुलिस धमाका होने की बात कह रही है। वह बैटरी पूरी तरह से सुरक्षित है। उसके ऊपर का ढक्कन हल्का से उठा हुआ है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी तेज तीव्रता वाली वस्तु कौन थी, जिससे इतना तेज धमाका हुआ। पुलिस धमाके की वास्तविकता सामने लाने की बजाय उस पर पर्दा डालने की कोशिश क्यों कर रही है।

शनिवार की रात करीब नौ बजे जब हादसा हुआ उस वक्त मेडिकल स्टोर्स के सामने से इक्का-दुक्का लोग आ जा रहे थे। धमाके की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुकान का शटर उखड़कर गिर गया। धमाके की गूंज पूरे नगर में सुनाई दी और पांच सौ मीटर के दायरे के मकान हिल गए। दुकान में लगी लकड़ी की रैक के ऊपर जहां-तहां आग भी लग गई। लोगों का कहना है कि पुलिस बैटरी फटने से धमाका होने की बात कह रही है। लेकिन यह बात किसी के गले नहीं उतर रही। क्योंकि बैटरी फटी नहीं है न ही उसका तेजाब इधर-उधर बिखरा है। बैटरी फटती तो इतना तेज धमाका नहीं होता, जिससे दुकान का शटर गिर जाए और मकान हिल जाए। इससे साफ जाहिर होता है कि धमाका किसी शक्तिशाली विस्फोट से हुआ है। पुलिस इसे छुपाने की कोशिश कर रही है। खासबात यह है कि जिस मेडिकल स्टोर में धमाका हुआ। उसके सामने स्थित सीसीटीवी फुटेज में पूरी घटना कैद हुई है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि धमाका कितनी तेज हुआ है। एएसपी पश्चिमी नैपाल सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया बैटरी फटने से धमाका होने की जानकारी मिली है। फोरेंसिक टीम को मौके पर भेजा गया है। मामले की जांच की जा रही है। 
      
सवाल: अंदर से दुकान बंद कर क्या कर रहा था तौहीद 
पुलिस के मुताबिक जिस वक्त हादसा हुआ। उस वक्त दुकान का शटर अंदर से बंद था और दुकान मालिक तौहीद अंदर बैठा हुआ था। आखिर रात नौ बजे ऐसा क्या था कि तौहीद को दुकान बंद कर अंदर रुकना पड़ा। पुलिस ने उससे यह जानने की कोशिश क्यों नहीं की कि वह अंदर क्या कर रहा था। पुलिस ने रात में ही फोरेंसिक टीम को बुलाकर मौके से वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने की कोशिश क्यों नहीं की। ऐसे तमाम सवाल हैं जो पुलिस की कार्यशैली पर तमाम सवालियां निशान लगा रहे हैं।
 
धौरहरा क्षेत्र में विस्फोट से जा चुकी है एक ही परिवार के पांच लोगों की जान
धौरहरा के बाजार वार्ड निवासी आतिशबाज मोहम्मद शफी के घर 10 जुलाई 16 को तड़के तेज धमाका हुआ था। धमाका इतना तेज था कि मकान की छत ढह गई थी। आधे से ज्यादा मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया था और भीषण आग लग गई थी।  इस हादसे में मोहम्मदी शफी के पुत्र हबीबुल्ला, पुत्रवधू 38 वर्षीय शहनाज समेत पांच लोगों की मौत हो ई थी। इतना ही नहीं आसपास के मकानों में दरारें पड़ गईं थी। घर वालों ने हादसा होने की वजह इनवर्टर की बैटरी और बूस्टर फटना बताया था। पुलिस भी बैटरी और बूस्टर के फटने से ही भीषण हादसा होने का दावा कर रही थी। लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला के डिप्टी डायरेक्टर अशोक सिन्हा के नेतृत्व में 11 सदस्यीय टीम अगले दिन मौके पर पहुंची और फोरेंसिक साक्ष्य जुटाए थे। नमूनों को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा परीक्षण के लिए भेजा गया था। छह महीने बाद प्रयोगशाला से नमूना परीक्षण रिपोर्ट पुलिस को मिली तो परीक्षण में पोटाश में विस्फोट की बात का खुलासा हुआ था।

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