'ग्लोबल साउथ' की आवाज बुलंद करने में भारत का सहयोग महत्वपूर्ण रहा है : दक्षिण अफ्रीकी मंत्री Siviwe Gwarube

'ग्लोबल साउथ' की आवाज बुलंद करने में भारत का सहयोग महत्वपूर्ण रहा है : दक्षिण अफ्रीकी मंत्री Siviwe Gwarube

जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका की प्राथमिक शिक्षा मंत्री सिविवे ग्वारुबे (Siviwe Gwarube)ने कहा है कि बहुपक्षीय मंचों पर दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच सहयोग ने ‘ग्लोबल साउथ’ यानी अल्पविकसित देशों की आवाज को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

गुरुवार को प्रिटोरिया में भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस से संबंधित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं ग्वारुबे ने कहा, हमें भारत के रूप में दक्षिण अफ्रीका का एक ऐसा भागीदार मिला है, जो ग्लोबल साउथ के दृष्टिकोण और हितों को बढ़ावा देने की इच्छा रखता है। हमें खुद को एक समतापूर्ण वैश्विक व्यवस्था में स्थापित करने के लिए और अधिक साथ मिलकर काम करना चाहिए।'' 

मंत्री ने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय संबंध 30 वर्षों में एक रणनीतिक साझेदारी के तहत परिपक्व हो गए हैं, दोनों देशों ने लगभग चार दशकों के अंतराल के बाद राजनयिक संबंधों को नया रूप देने के प्रयास किए हैं और भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रंगभेद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, तीन दशकों से, दोनों देशों ने आर्थिक विकास, सांस्कृतिक संबंध और लोगों से लोगों के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम किया है। हमने व्यापार और निवेश से लेकर उच्च शिक्षा, कौशल विकास और यहां तक ​​कि स्वास्थ्य सेवा तक विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग किया है। 

दक्षिण अफ्रीका में भारत के उच्चायुक्त प्रभात कुमार ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की भारत सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “भारत अगले 25 वर्षों में 32 हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा, जिसकी औसत वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत होगी।

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