रामनगर: वन विभाग के नोटिस के खिलाफ मुखर हुए पूछड़ी के ग्रामीण
रामनगर, अमृत विचार। वन ग्राम पूछड़ी में वन विभाग ने सात सौ से अधिक परिवारों को हटाये जाने का नोटिस दिया है। इसको लेकर क्षेत्र के ग्रामीण वन विभाग के खिलाफ मुखर हो गये हैं। ग्रामीणों ने बुधवार (आज) को जुलूस निकालकर प्रभागीय वनाधिकारी तराई पश्चिमी और एसडीएम कार्यालय में धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। साथ ही 15 अगस्त को भी धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है।
मंगलवार को ग्राम पूछड़ी में हुई बैठक के दौरान ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यवाही को पूरी तरह से गैरकानूनी बताया। कहा कि यह संविधान की ओर से प्रदत्त जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। उच्च न्यायालय नैनीताल तथा सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि किसी भी व्यक्ति को हटाने से पहले उसका पुनर्वास किया जाना चाहिए, इसके बावजूद उत्तराखंड सरकार और वन विभाग हजारों लोगों के आशियाने तोड़ने की साजिश कर रहा है।
ग्रामीणों ने कहा कि लोकसभा चुनाव में वोट मांगते समय भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने कसम खाकर कहा था कि किसी भी वन ग्रामवासी को बेघर नहीं किया जाएगा। आज जब गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाने की धमकी दी जा रही है तो सांसद जनता के बीच से नदारद हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि उनके साथ जोर जबरदस्ती की गई तो वह अपनी जान दे देंगे, लेकिन अपना घर नहीं टूटने देंगे। बैठक को एस लाल, सियाराम, संयुक्त संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार, महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी, मौ. ताहिर, रीना आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान परवीन, सीमा तिवारी, परी देवी, मंजू देवी, ज्योति, दुर्गा देवी, हलीमा, फरजाना, सैमी अहमद, मौ. आसिफ आदि मौजूद रहे।