शहीदों की याद: मुसीबत में मां गंगा के आंचल को आशियाना बनाते थे क्रांतिकारी

शहीदों की याद: मुसीबत में मां गंगा के आंचल को आशियाना बनाते थे क्रांतिकारी

रहरा/अमरोहा, अमृत विचार। अंग्रेजी हुकूमत से देश को आजाद करने में गंगेश्वरी के 24 वीरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आजादी के लिए अपनी जान की आहूति देने वाले गंगेश्वरी में जन्मे मुनिदेव त्यागी ने लंबे समय तक संघर्ष किया था। उन्होंने जेल से लेकर अंग्रेजी हुकूमत के लगाए अर्थदंड तक की सजा भी झेली थी। आजादी के बाद मुनिदेव त्यागी 14 साल तक मुरादाबाद जिला बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे।

क्रांतिकारियों पर जब-जब मुसीबत आती थी तो वे मोक्षदायिनी मां गंगा के आंचल को अपना आशियाना बनाकर उसमें छुप जाते थे। खास बात यह कि यहां के क्रांतिकारी तैरने के महारथी थे और अंग्रेज पानी में घुसने से भी डरते थे। इसलिए पुलिस से घिरने पर वह गंगा के टापू में जाकर छिप जाते थे। गंगेश्वरी निवासी क्रांतिकारी राजेश्वर त्यागी के पोते शुभम त्यागी उर्फ हैप्पी बताते हैं कि दादाजी उन्हें आजादी की कई कहानियां सुनाते थे।

गंगेश्वरी का बाढ़ पीड़ित आश्रय बयां है क्रांतिकारियों की दास्तां

अंग्रेजी हुकूमत से पहले का गंगेश्वरी गांव में बना बाढ़ पीड़ित आश्रय अब भी क्रांतिकारियों की दास्तां बयां करता है। गंगेश्वरी स्थित शिव मंदिर जनपद के क्रांतिकारियों के ठहरने का सबसे सुरक्षित ठिकाना था। यह गांव इसलिए भी सुरक्षित था कि गंगा के नजदीक था। दूसरा गांव के शिव मंदिर ऊंचे टीले पर बना हुआ था। जिस पर खड़े होकर आसानी से पुलिस आती दिखाई पड़ जाती थी तथा बाढ़ का पानी भी वहां तक नहीं पहुंच पाता था।

अकेले गंगेश्वरी गांव से थे 12 स्वतंत्रता सेनानी

गंगेश्वरी में जन्मे पृथी सिंह, उनके सगे भाई मुनिदेव त्यागी, अजब सिंह, मुकुंद बिहारी लाल शर्मा, कैलाश देव, गंगाराम सिंह, राजेश्वर सिंह, मुंशी सिंह, प्रकाश देव, स्वामी केशवानंद, खुशहाल सिंह व छज्जू सिंह ने क्रांतिकारियों का नाम बढ़ाया।

ये भी पढ़ें- दिल्ली के मॉडल टाउन में दो मंजिला मकान गिरा, कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका