बरेली: मर जाना चाहता हूं... क्योंकि न मेरी बीवी अच्छी है न पुलिस, रो-रोकर सुनाई अपनी दास्तान
बरेली अमृत विचार । बीवी ने जमीन-मकान और बीमे का पैसा हड़पने के लिए कागजों में मृत दिखाने की कोशिश शुरू की तो पति ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया लेकिन बार-बार फरियाद करने के बावजूद पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी। आखिरकार, निराश होकर उसने खुदकुशी करने का फैसला कर लिया और जंक्शन पहुंचकर सियालदह एक्सप्रेस के आगे रेलवे ट्रैक पर जा लेटा। प्लेटफार्म पर मौजूद यात्रियों ने शोर मचाया तो जीआरपी और आरपीएफ के स्टाफ ने आननफानन उसे ट्रैक से हटाया।
घेर जाफर खां में रहने वाले 60 वर्षीय समीर ने इसके बाद थाना जीआरपी में दर्दभरी आपबीती सुनाई। बताया कि उसकी बीवी अलग ही मिजाज की है। काफी समय से उसकी नजर उनकी संपत्ति और पैसों पर है। कुछ दिन पहले उसने उनकी जमीन, मकान और बीमे का पैसा हड़पने के लिए उन्हें कागजों में मृत दिखाने की साजिश रची। इसी के तहत तहसील में उन्हें मृत बताकर तहसील में वारिसान प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर दिया। इत्तफाक से जांच करने पहुंचे लेखपाल ने उनके घर आकर उनकी मृत्यु के प्रमाण के तौर पर कब्रिस्तान की रसीद मांगी तो उसका सामना उन्हीं से हो गया।
समीर ने बताया कि पत्नी का सुलूक उनके साथ पहले से अच्छा नहीं था। उसकी साजिश का पता लगने के बाद उनके होश उड़ गए। उन्होंने थाना बारादरी जाकर पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय उनका मखौल उड़ाकर उसे टाल दिया तो उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाकर प्रार्थनापत्र दिया। इसके बाद थाने के कई और चक्कर काटे लेकिन कुछ नहीं हुआ तो खुदकुशी करने जंक्शन पर पर चले आए। समीर की जेब में 9 जुलाई को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखे प्रार्थनापत्र की कॉपी भी मिली।
थाना जीआरपी लाए गए समीर काफी देर वहां रो-रोकर अपनी दास्तान सुनाते रहे। थाने में मौजूद सीओ जीआरपी देवीदयाल ने उन्हें काफी देर समझाया और ठंडे दिमाग से काम लेने को कहा लेकिन फिर भी वह बार-बार जान देने की बात कहते रहे। इंस्पेक्टर जीआरपी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि समीर के अचानक कोई अप्रिय कदम उठाने की आशंका देखते हुए उन्हें छोड़ने के बजाय बारादरी पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।