लखनऊः भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कार्यशाला में पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने सिखाई कजरी

लखनऊः भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कार्यशाला में पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने सिखाई कजरी

लखनऊ, अमृत विचार: भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के गायन विभाग ने सुजान सभागार में तीन दिवसीय कजरी कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में पद्मश्री मालिनी अवस्थी को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने उनका स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को इस व्याख्यान की महत्ता के बारे में समझाया।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में मालिनी अवस्थी ने राग तिलक कामोद में अद्धा ताल में निबद्ध ठुमरी अंग की कजरी छात्रा-छात्राओं को सिखाई, जिसके बोल थे बैठी सोचे बृज बाम, सुनो लागे मेरो धाम। उन्होंने राग पीलू में दादरा अंग की ठुमरी हरि बिनु कारी बदरिया छाई भी सिखाई।

दूसरे सत्र में दादरा कौन रंग मूंगवा कौन रंग मोतिया से कार्यशाला के पहले दिन का समापन हुआ। कार्यशाला में हारमोनियम पर पंडित धर्मनाथ मिश्र, तबले पर अनंत प्रजापति, ढोलक पर हर्षित शर्मा और तानपुरे पर विश्वविद्यालय की छात्रा मोनिका व निकिता ने संगत की। गायन विभाग की अध्यक्ष प्रो. सृष्टि माथुर ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए मेहमानों का आभार व्यक्त किया।

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