बाराबंकी: घरों में घुसा बाढ़ का पानी, पलटी नाव, डूबते ग्रामीणों को एसडीआरएफ टीम ने बचाया

एसडीआरएफ की टीम ने हेतमापुर गांव में किया बाढ़ से बचाव का मॉकड्रिल

बाराबंकी: घरों में घुसा बाढ़ का पानी, पलटी नाव, डूबते ग्रामीणों को एसडीआरएफ टीम ने बचाया

सूरतगंज/बाराबंकी, अमृत विचार। सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी गांव और घरों में घुस आया। ऐसी सूचना पाकर एसडीआरएफ टीम तत्काल हेतमापुर के उधिया गांव पहुंची और बाढ़ में फंसे पीड़ितों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान तटबंध पर भेजा। यही नहीं नदी में एक नाव पलटने की सूचना पर टीम ने डूब रहे ग्रामीणों को स्टीमर के जरिए उन तक पहुंचकर लाइफ जैकेट की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला। सभी को अस्थाई सीएचसी में भर्ती कराया, जहां स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सभी का इलाज किया गया। 

जी हां कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हेतमापुर में देखने को मिला। अवसर था मॉकड्रिल के जरिए बाढ़ के दौरान पीड़ितों को रेस्क्यू कर उन्हें बचाने और उनका इलाज करने के साथ कई अहम जानकारियां साझा करने का। इसे लेकर एसडीआरएफ टीम के प्रभारी निरीक्षक चंद्रश्वर, उपनिरीक्षक अजीत भारती व उनकी टीम के तीस जवानों द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए ग्रामीणों को बचाव के उपाय आदि बताए गए।

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दिखाया गया कि बलाईपुर गांव के वसीम, जुबराइल और सुंदरनगर के इरफान, हेतमापुर के कल्लू और शरीफ नाव पर सवार हैं। यह नाव अचानक पलट जाती है। इस बीच एसडीआरएफ टीम प्रभारी निरीक्षक चंद्रेश्वर, उपनिरीक्षक अजीत भारती करीब 30 जवानों के साथ उधिया गांव पहुंचते हैं। किनारे डूबे हुए लोगों को खोजने के लिए स्टीमर व रिमोट ऑपरेटर लाइफ जैकेट को उतराते हैं। तभी नाव में सवार दो गोताखोर तैरते हुए बाहर आ जाते हैं।

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रिमोट ऑपरेटर लाइफ ब्वॉय किट के माध्यम से एक-एक कर दो लोगों को बाहर लाते हैं। तो गहरे पानी में डूबे हुए जुबराइल को खोज कर पहले स्टीमर में प्राथमिक उपचार देते हैं। इसके बाद में  तटबंध के किनारे अस्थाई बने कैम्प में सीएचसी सूरतगंज की एंबुलेंस के माध्यम से भेजते हैं। डा. फुरकान और डा. प्रदीप यादव टीम के साथ उन्हें उपचार देते हैं।

बाढ़ आपदा से बचने की तैयारी को लेकर हेतमापुर क्षेत्र से गुजरी सरयू नदी किनारे राज्य आपदा मोचन बल की ओर से मार्क ड्रिल किया गया। जबकि बाढ़ के चलते डूबे प्राथमिक विद्यालय हेतमापुर के सभी बच्चों की शिक्षा, तटबंध पर अस्थाई कक्षा संचालन किए जाने का प्लान भी प्रर्दशित किया गया।

यह मॉक ड्रिल जिला आपदा विशेषक प्राची उमराव के नेतृत्व में की गई। वहीं दो बजे तटबंध पर पहुंचे  राज्या आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने लगे हुए नेटवर्किंग, राजस्व विभाग, बाढ़ प्रखण्ड, सिंचाई विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग, सुरक्षा व पुलिस विभाग, एसडीआरएफ बटालियन, फायर ब्रिगेड और पशुपालन विभाग आदि कैंप पर जाकर, विधिवत जानकारी हासिल की।

उसके बाद उन्होंने तटबंध के किनारे बन रहे बाढ़ राहत केंद्र देख मौजूद अधिकारियों से इसकी जानकारी भी ली। उन्होंने पूछा कि जब परिवार इसमें रहेंगे। ऐसे में उनके जानवर कहां रहेंगे। एडीएम डॉ. अरूण कुमार सिंह ने बताया कि तटबंध के किनारे एक अस्थाई चरही बनाया जाएगा। तब उन्होंने सीमेंट के ऊंचे मचान निर्मित किए जाने के सुझाव भी दिए। इस बीच फायर ब्रिगेड़ टीम को सूचना प्राप्त होती है कि मजदूरों की झुग्गी झोपडी में आग लग गई।

बचाओ बचाओ का शोर सुनकर हरकत में आई टीम ने आग पर काबू पाया। वहीं आग से झुलसा बालक मो. वजीद को टीम ने एंबुलेंस की मदद से अस्थाई अस्पताल कैंप पहुंचाया। जहां उसका इलाज हुआ। दोनों पूर्वाभ्यास को देख जनरल संतुष्ट हुए। उन्होंने ब्रीफिंग देकर बताया कि रेस्क्यू कर सर्वप्रथम झुलसे हुए लोगों को प्राथमिक उपचार दें। तब हॉस्पिटल ले जाएं। उसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी डीएम सत्येंद्र कुमार और एसपी दिनेश कुमार सिंह के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे।

इस मौके पर एनडीएमए के ब्रिगेडियर रविंद्र गुरोब और डिप्टी करनल अनिल कुमार व डीआईजी एनके शर्मा, एसडीएम बिजय कुमार त्रिवेदी, अनुराग सिंह और अतिरिक्त मजिस्ट्रेट पूजा गुप्ता व एसडीएम रामनगर पवन कुमार, तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह, एएसपी उत्तरी सीएन सिन्हा, सीओ फतेहपुर डॉ. बीनू सिंह, सीओ रामनगर आलोक पाठक, प्रभारी निरीक्षक अनिल सिंह, प्रभारी निरीक्षक डीके सिंह, अपर सीएमओ डा. डीके श्रीवास्तव, डीएसओ राकेश तिवारी, बीएसए संतोष देव पाण्डेय, सीएचसी अधीक्षक संजय पाण्डेय और पशु चिकित्सा अधिकारी बीआर पाटिल आदि उपस्थित रहे।

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