जेल से रिहा होने पर बोले उदयभान करवरिया- राजनीतिक षडयंत्र के चलते काटनी पड़ी 10 साल जेल में सजा

जेल से रिहा होने पर बोले उदयभान करवरिया- राजनीतिक षडयंत्र के चलते काटनी पड़ी 10 साल जेल में सजा

प्रयागराज। प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से गुरुवार सुबह रिहा हुये बारा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया ने कहा कि उन्हे दो पार्टियों की राजनीतिक षडयंत्र के चलते 10 साल जेल में सजा काटनी पड़ी। उन्होंने कहा “न्याय प्रक्रिया पर टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा। न्याय प्रक्रिया की बात होती तो हमे जेल ही नहीं जाना चाहिए था, सही बात यही है। हम लोग प्रोफाइल का शिकार होकर फंस गए। हम लोग कोई क्रिमिनल तो हैं नहीं। इसके अलावा कोई दूसरा मुकदमा भी नहीं है। यह राजनैतिक षड्यंत्र के तहत था। दो पार्टियों की राजनीतिक षडयंत्र के चलते 10 साल जेल काटना पड़ा।”

उदयभान करवरिया की रिहाई के समय उनकी पत्नी पूर्व भाजपा मेजा की विधायक नीलम करवरिया, बेटा सक्षम करवरिया और अन्य समर्थक भी जेल के बाहर मौजूद रहे। जेल में अच्छे चाल चलन के कारण राज्य सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल ने उनकी उम्रकैद की बाकी सजा माफ कर समय पूर्व उनकी रिहाई का आदेश दिया था। यह आदेश 19 जुलाई को जारी हुआ था। कागजी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद सुबह साढ़े सात वह सेंट्रल जेल से रिहा किए गए।

गौरतलब है कि 13 अगस्त 1996 को समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित को दिनदहाड़े प्रयागराज के सिविल लाइंस क्षेत्र में गोलियों से छलनी कर दिया गया था। हमले में पूर्व विधायक के अलावा उनके ड्राइवर गुलाब यादव और एक राहगीर कमल कुमार दीक्षित की भी मौत हुई थी। इस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह पंडित के सगे भाई सुलाकी यादव ने केस दर्ज कराया था।

बहुचर्चित हत्या कांड मामले में प्रयागराज के अपर सत्र न्यायाधीश ने 4 नवंबर 2019 में पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया, उनके बड़े भाई पूर्व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद कपिल मुनि करवरिया, छोटे भाई पूर्व बसपा एमएलसी सूरजभान करवरिया और उनके साथी रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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