संतकबीरनगर में बच्चियों की मौत पर DM ने जारी की ये एडवाइजरी, आम लोगों से की बड़ी अपील
संतकबीरनगर में एक दिन में में पांच बच्चियों के डूबने का मामला
संतकबीरनगर, अमृत विचार। मंगलवार को दो अलग अलग घटनाओं में पांच बच्चियों की डूबने से हुई मौत के बाद पूरा जिला शोक में डूबा है। इस बड़ी घटना के बाद जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने जनपद वासियों के लिए एडवाइजरी जारी की है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील भी की है।
जिलाधिकारी ने नागरिकों, ग्राम प्रधानों और समाज सेवियों से अपील की है कि नदियों, तालाबों अथवा अन्य जल स्रोतों के पास बच्चों को न जाने दें। इसके लिए नगरों, गांवों और कस्बों में सतर्कता बरतने और जागरूकता फैलाने का हरसंभव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति या जल स्रोतों में डूबने व फंसने की स्थिति में राहत पाने के लिए एम्बुलेंस के लिए 108, पुलिस सहायता के लिए 112 व राहत आपदा कंट्रोल रूम पर सम्पर्क के लिए 1070 पर फोन कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने डूबने से बचाव के लिए सुरक्षा के उपाय के विवरण में बताया है कि अगर तैरना नहीं आता हो तो नदी, नहर, नाले अथवा तालाब आदि में कदापि न जाएं और अपने स्वजनों को भी जाने से रोकें। बच्चों को पुलिया और ऊंचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें। बेहद आवश्यक हो तो ही पानी में उतरें और गहराई का ध्यान रखें। ओवरलोडेड नौकाओं में न बैठें। कोशिश करें कि किसी नदी, पोखरे, तालाब या जल स्रोत में सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय अपने साथ 10-15 मीटर लंबी रस्सी या धोती या साड़ी अवश्य रखें। जिससे डूब रहे ब्यक्ति को आसानी से बचाया जा सके।
उन्होंने बताया कि नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल स्रोतों के पास लिखी हुई चेतावनी की अवहेलना कदापि न करें। छोटे बच्चों को घाटों और जल स्रोतों के समीप न जाने दें। किसी के उकसावे में आकर पानी में छलांग न लगाएं। नदियों या अन्य जल स्रोतों के घाटों पर रीति-रिवाजों या संस्कारों का निर्वहन करते समय सावधानी बरतें। नदी या तालाब में तैरते समय या स्नान करते समय स्टंट न करें, सेल्फी आदि न लें ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।
डूबने से मौत पर मुआवजा 4 लाख के मुआवजे का है प्रावधान
जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि जल श्रोतों व नदियों आदि में डूबने के कारण मृत्यु होने पर मृतक आश्रित को 4 लाख रूपये मुआवजा देने का प्राविधान है। उसके लिए (पोस्टमार्टम व पंचनामा अनिवार्य), है। शारीरिक दिव्यांग होने पर 74 हजार से 2 लाख 50 हजार, मकान की क्षति होने पर 4 हजार से 1 लाख 20 हजार, पशु की मृत्यु होने पर 4 हजार से 37 हजार 500 और फसल की क्षति होने पर शासन द्वारा 8 हजार 500 से 22 हजार 500 रूपये आपदा पीड़ित को देने का प्राविधान किया गया है।
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