लखनऊ: बजट पर इप्सेफ ने दी प्रतिक्रिया, कहा- कर्मचारियों की पीड़ा को नहीं सुना

लखनऊ: बजट पर इप्सेफ ने दी प्रतिक्रिया, कहा- कर्मचारियों की पीड़ा को नहीं सुना

लखनऊ, अमृत विचार। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने साल 2024-25 के आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही इस तरह के बजट पर आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा है कि कर्मचारियों की पीड़ा को सरकार ने नहीं सुना है।

दरअसल, चुनाव के पहले मोदी सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था। इस बजट में केन्द्रीय करों में प्रदेश का अंश 2,18,816.84 करोड़ था जो इस बजट में बढ़कर 2,23,737.23 करोड़ हो गया है। बताया जा रहा है कि बजट से सोलर पैनल, सोलर सेल, कैंसर की दवाएं, एक्सरे मशीन, मोबाइल फोन, चार्जर, इलेक्ट्रिक वाहन, चमड़े के जूते, चप्पल, पर्स आदि वस्तुयें सस्ती होंगी।

वीपी मिश्र

इस आम बजट पर प्रतिक्रिया देने के साथ ही इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने कहा है कि कर्मचारियों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है, लेकिन कर्मचारी अब इसका जवाब देंगे। महात्मा गांधी की नीतियों पर चलते हुये अब अनशन सत्याग्रह किया जायेगा। इसके लिए 2 अक्टूबर का दिन चुना गया है।

इप्सेफ पब्लिक सर्विस इम्प्लाईज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र और महामंत्री प्रेमचन्द्र की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री को ओर से पत्र भेजकर कई बार पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गई है, लेकिन पुरानी पेंशन बहाली, राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन एवं आउटसोर्सिग/संविदा/आंगनबाड़ी कार्यकत्री की सेवा सुरक्षा, न्यूनतम वेतन, विनियमतीकरण व आयकर सीमा बढ़ाने पर निर्णय नहीं किया गया। इसलिए आंदोलन ही एक मात्र रास्ता बचा है। दो अक्टूबर को गांधी जयन्ती के अवसर पर सभा करके नाराजगी व्यक्त की जायेंगी और आगे भी सत्याग्रह जारी रहेगा।

राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्र ने कहा है कि भीषण महंगाई से कर्मचारी 2 जून की रोटी, बच्चों की शिक्षा-दीक्षा और दैनिक खर्चे की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। वही दूसरी तरफ कॉर्पोरेट जगत को लाभ प्रदान किया गया है। इसलिए आन्दोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं दिखता है।

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