बदायूं: जिले का एक मात्र मार्कण्डेय महादेव मंदिर, 138 सालों से है लोगों की आस्था का केंद्र

बदायूं: जिले का एक मात्र मार्कण्डेय महादेव मंदिर, 138 सालों से है लोगों की आस्था का केंद्र
जिले का एक मात्र मार्कण्डेय महादेव मंदिर, जहां श्रावण मास में जुटेंगे हजारों श्रद्धालु

बदायूं, अमृत विचार। शहर का हर प्रसाद मंदिर 138 सालों से लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। 1886 में लाला हर प्रसाद ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी। उनके द्वारा भगवान शिव के मंदिर का निर्माण कराया गया था। भक्तों के सहयोग से मंदिर भव्य रूप में है। जिले के इस एकमात्र मंदिर में भगवान शिव मार्कण्डेय महाराज के स्वरूप में विद्यमान हैं। सावन मास और शिवरात्रि पर यहां लाखों की संख्या में लोग भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने जुटते हैं। दो दिन बाद शुरू हो रहे श्रावण मास के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर तैयारी चल रही है। 

बरेली रोड पर शहबाजपुर चुंगी से आगे दक्षिण दिशा में स्थित हर प्रसाद मंदिर शिवालय आस्था और शक्ति का प्रतीक है। हर वर्ष सावन माह और महाशिवरात्रि के पर्व पर लाखों की तादात में श्रद्धालु यहां मार्कण्डेय महादेव का जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि महादेव का 40 दिन जल तक गंगा जल से अभिषेक करने से लोगों को कष्टों से मुक्ति मिलती है। उनके सारे बिगड़े हुए काम पूरे होते हैं। महादेव से जो भी सच्चे मन से कुछ मांगता है वह उसे मिलता है। पूरे जिले में मार्कण्डेय महादेव का इकलौता शिवालय होने से यह मंदिर आस्था का विशेष केंद्र है।

मंदिर के पुजारी चंद्रप्रकाश शर्मा ने बताया कि मंदिर में प्रतिदिन सुबह-शाम शिवालय में पांच सौ से छह सौ लोग भगवान शिव की पूजा करने पहुंचते हैं। मंदिर में स्थापित माता काली की प्राचीन प्रतिमा भी महिलाओं की आस्था का केंद्र है। नवरात्र में यहां मॉ काली की विशेष होती है। जिसमें सैकड़ों महिलाएं जुटती हैं। इसके साथ ही मंदिर प्रांगण में राधा कृष्ण, संतोषी माता, श्री राम दरबार में भी स्थापित है। यहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग माथा टेकने और पूजा करने आते हैं।

मंदिर में धर्म प्रेमियों के सहयोग से समय-समय पर धार्मिक आयोजनों के साथ ही भंडारे आदि होते रहते है। शहर के साथ-साथ आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी हजारों लोग यहां आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में पहुंचते हैं। दो दिन बाद श्रावण मास शुरू होने वाला है। सैकड़ों की संख्या में लोग भगवान शिव की पूजा करने के लिए जुटेंगे। इसको लेकर मंदिर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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