MBBS डॉक्टरों का हाल: एक ही डिग्री एक ही पदनाम, जूनियर को मिलेगा सीनियर से ज्यादा वेतनमान

MBBS डॉक्टरों का हाल: एक ही डिग्री एक ही पदनाम, जूनियर को मिलेगा सीनियर से ज्यादा वेतनमान

लखनऊ, अमृत विचार। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में तैनात एमबीबीएस डॉक्टरों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। वजह हैरान करने वाली है। नेशनल हेल्थ मिशन में सालों से अपनी सेवाएं दे रहे डॉक्टरों को करीब 65000 रुपए ही वेतन मिलता है। जबकि नए तैनात होने वाले डॉक्टर को वेतन के रूप में एक लाख रुपए मिलेंगे।

नेशनल हेल्थ मिशन में लखनऊ के लिए, एमबीबीएस चिकित्सकों की संविदा पर तैनाती के लिए भर्ती निकाली गई है। जिसमें चिकित्सकों की साक्षात्कार के जरिए नियुक्ति होगी और वेतन के तौर पर उन्हें 1 लाख रुपए दिया जाएगा। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्रीय संविदा कर्मचारी संघ की तरफ से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक को भेजे गए पत्र के जरिए सामने आई है। जिसमें इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई गई। 

बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश में काम कर रहे एमबीबीएस चिकित्सक ( संविदा ) वेतन विसंगति का दंश झेल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, किसी भी विभाग में एक ही पद पर पुराने कार्मिकों का वेतन नवीन तैनात कार्मिकों के वेतन से कम नहीं हो सकता है। 

अन्य राज्यों में वेतन विसंगति दूर किए जाते समय, पुराने कार्मिकों के लिए प्रतिवर्ष 5% वेतन वृद्धि को शामिल किया गया है। 
उदाहरण के लिए, यदि किसी नवीन चिकित्सक का वेतन 100,000 है, तो 2 वर्ष पुराने चिकित्सक का वेतन 5% प्रतिवर्ष वृद्धि जोड़कर 110,250 निर्धारित किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, 7 वर्ष पुराने कार्मिक का वेतन लगभग 140,000 निर्धारित किया जाना चाहिए। जैसा कि बिहार , मेघालय सरकार द्वारा NHM  में किया गया है।

संयुक्त राष्ट्रीय संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने साफ तौर पर कहा है कि पुराने कार्मिकों को उनके अनुभव और सेवा के अनुसार उचित वेतन वृद्धि मिले, जिससे वेतन विसंगति को दूर किया जा सके। विभागों को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए ताकि सभी MBBS  चिकित्सक को उनके सेवा काल के अनुसार न्यायपूर्ण वेतन मिल सके।

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