बरेली: अनाथालय प्रकरण...प्रशासन सख्त, तीन दिन के अंदर मांगी जांच रिपोर्ट

बरेली: अनाथालय प्रकरण...प्रशासन सख्त, तीन दिन के अंदर मांगी जांच रिपोर्ट

बरेली, अमृत विचार। आर्य समाज अनाथालय प्रकरण में प्रबंध कमेटी की ओर से जमीन के दस्तावेज उपलब्ध न कराने पर जांच पूरी नहीं हो पा रही है। जिलाधिकारी ने सप्ताह भर में रिपोर्ट मांगी थी लेकिन दो सप्ताह बाद भी जांच अटकी पड़ी है। अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिनेश ने अब इस पर सख्ती दिखाते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) को हर हाल में तीन दिन के अंदर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

प्रबंध कमेटी के खिलाफ उसकी 360 करोड़ की अनुमानित कीमत की जमीन को खुर्दबुर्द करने के लिए अवैध रूप से अनाथालय बंद करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने अपर जिलाधिकारी को सप्ताह भर के अंदर इन आरोपों की जांच कराकर रिपोर्ट मांगी थी। इसके लिए उपजिलाधिकारी सदर और डीपीओ की जांच कमेटी गठित की गई थी। डीपीओ के मुताबिक प्रबंध कमेटी की ओर से अब तक जमीन के दस्तावेज उपलब्ध न कराने की वजह से जांच पूरी नहीं हो पा रही है।

अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिनेश ने अब सख्ती दिखाते हुए डीपीओ को निर्देश दिया है कि तीन दिन के अंदर हर हालत में जांच रिपोर्ट दी जाए। प्रबंध कमेटी अगर जमीन के दस्तावेज नहीं दे रही है तो उसे नोटिस देकर आगे की कार्रवाई की जाए।

उठ रहा सवाल, जमीन का ब्योरा देने में हिचकिचाहट क्यों?
अनाथालय प्रबंध कमेटी के प्रधान ओमकार आर्य से करीब 15 दिन पहले प्रशासन की टीम ने जमीन के दस्तावेज मांगे थे लेकिन डीपीओ के मुताबिक वह अब तक टालमटोल कर रहा है। डीपीओ के मुताबिक सोमवार को भी प्रधान ने यह कह दिया कि वह फरीदपुर में है। लगातार टालमटोल से सवाल उठ रहा है कि प्रबंध कमेटी आखिर क्यों प्रशासन को जमीन के दस्तावेज नहीं दे रही है।

बता दें कि अनाथालय के प्रधान ने कुछ समय पहले 360 करोड़ कीमत की 42 बीघा जमीन पर चल रहे अनाथालय बंद कर उसकी जगह गुरुकुल खोलने का एलान किया था लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि गुरुकुल खोलने के लिए न बजट है, न ही कोई योजना। इसके बावजूद अनाथालय में रह रही 50 से ज्यादा लड़कियों को जबरन निकाल दिया गया। अब दो लड़कियां ही बची हैं, उन पर अनाथालय छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है।