रुद्रपुर: अतिक्रमण: आंख में आंसू, चेहरे पर मायूसी, बेबस बन देखते रहे ग्रामीण

रुद्रपुर: अतिक्रमण:  आंख में आंसू, चेहरे पर मायूसी, बेबस बन देखते रहे ग्रामीण

मनोज आर्या, रुद्रपुर, अमृत विचार। भगवानपुर कुलड़िया में 46 कब्जा धारकों के आशियाने पर हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई वास्तव में हृदयविदारक रही। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्रारंभ होते ही चिह्नित ग्रामीणों के आंखों में आंसू, चेहरे पर मायूसी और बेबसी देखने को मिली। रोने-बिलखने के सिवा ग्रामीणों के पास कुछ नहीं था।

कोई डिवाइडर पर बैठकर आशियाने को टूटता हुआ देखता तो कोई पुलिस से ईट देने की गुहार लगाता। आखिरकार विवश होकर पास ही बने छठ घाट पर लोगों ने शरण लेनी शुरू कर दी। कार्रवाई कुछ भी हो, लेकिन ग्रामीणों के दर्द को सुनकर हर कोई सिहर उठा।

शनिवार की सुबह 8 बजे जब पुलिस की गाड़ियां, जेसीबी मशीन की गड़गड़ाहट और लाठी-डंडों, दंगा नियंत्रण वाहन और सशस्त्र बल भगवानपुर कुलड़िया गांव पहुंचा। तब घोषित किए गए अतिक्रमणकारियों के आंखों में आंसू छलकने लगे। पुलिस ने लोगों को घरों में घुसकर बाहर निकाला। इस दौरान कोई अपने छोटे बच्चे को गोद में लेकर डिवाइडर पर बैठ गया तो कोई सामान एकत्रित करने में जुट गया। वहीं कई कब्जा धारक पुलिस के सामने हाथ जोड़कर अपना दुख दर्द बयां करते रहे, लेकिन कहीं न कहीं पुलिस बल भी मजबूर दिखा और आदेशों का पालन करने का हवाला देते हुए 9 बजे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई।

जेसीबी ने जब कच्चे-पक्के मकानों को एक के बाद एक कर धराशायी करना शुरू किया तो दूर खड़े परिवार रोने बिलखने लगे। हर कोई यह बयां कर रहा था कि परिवार को लेकर जाएं तो जाएं कहां। कोई प्रशासन से मलबे की ईंट देने की गुहार लगा रहा था तो कोई सामान निकालने की मोहलत मांग रहा था। जिसे देख वहां से गुजरने वाले राहगीर भी ग्रामीणों की बेबसी को देखकर हैरान व परेशान होते नजर आए। बेघर होते लोगों को देखकर हर किसी के मन में पीड़ा नजर आयी।

भूखे प्यासे सामान लगे बटोरने

भगवानपुर कुलड़िया के घोषित अतिक्रमणकारियों को यह इल्म नहीं था कि शनिवार की सुबह आठ बजे प्रशासन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर सकता है। 8 बजे पुलिस का लाव लश्कर देखा तो ग्रामीणों के हाथ-पांव फूल गए और भूखे प्यासे ग्रामीणों को जबरन घरों से बाहर निकलना शुरू कर दिया। बेबस ग्रामीण अपने बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के साथ सामान बटोरने लगे। कोई सिर पर सामान रखकर ले जाता तो कोई ठेले पर सामान भरता दिखा। कारण प्रशासन ने ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया था। ऐसे में ग्रामीण जो बच सकता था उसे बचाने की कोशिश में जुट गये।

बेघर लोगों ने मतदान नहीं करने का किया ऐलान

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में बेघर हुए लोगों ने नेताओं पर भी जमकर भड़ास निकाली। उनका कहना था कि 18 साल होते ही नेता वोटर आईडी बनाकर घर पहुंचाते हैं और चुनाव के वक्त वोट मांगने के लिए गिड़गिड़ाते हैं, लेकिन अब जब वह बेघर होने लगे हैं तो कोई भी नेता दुख सुनने नहीं आया। पिछले दो दिन से पीड़ित परिवार भूखे प्यासे रह रहा है। सरकार या विपक्ष चाहता तो प्रकरण को उठा सकता था। उन्होंने ऐलान किया कि अब कोई भी परिवार मतदान नहीं करेगा और नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा।

आत्महत्या करने भागा युवक, दौड़ने लगी पुलिस

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान जब डंपर लगाकर धराशायी मकानों का मलबा भरना शुरू हुआ। तब महिलाओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसी दौरान अचानक भीम राव नाम का युवक आया और जहर लाकर परिवार के साथ आत्महत्या करने के लिए भागा। यह देखकर वहां तैनात पुलिस बल में हड़कंप मच गया और पुलिस ने दौड़कर  युवक को पकड़ लिया। युवक का कहना था कि उसकी चार बहनें हैं। दो माह पहले ही टुकटुक लोन पर लिया था। परिवार की जिम्मेदारी कंधों पर है। ऐसे में अब जीने का कोई फायदा नहीं। बेबस युवक का कहना था कि दस पारिवारिक सदस्यों के साथ जहर खाकर आत्महत्या ही एक मात्र रास्ता बचता है। काफी मशक्कत के बाद युवक को समझा बुझाकर पुलिस निगरानी में रखा गया।

दिखाते रहे कागज, धकेलती रही पुलिस

शनिवार की सुबह जब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई। तब चिह्नित ग्रामीणों में से कुछ इंदिरा आवास आवंटन का कागज दिखाने लगे। कुछ वर्ष 2004 में मिले नोटिस के दस्तावेज दिखाकर गुहार लगाने लगे, लेकिन कागज देखना तो दूर पुलिस प्रशासन ने धकेल कर उन्हें हटा दिया। जिसके बाद योजना के पात्र कब्जाधारी मायूस होकर वापस लौट गए।

तीन ड्रोन कैमरों से हुई निगहबानी

भगवानपुर कुलड़िया में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में अराजकता फैलाने वालों पर नजर रखने के लिए तीन ड्रोन कैमरों से निगाहेबानी की व्यवस्था की गई थी। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले ड्रोन को आसमान में उड़ाया गया और पूरे इलाके की वीडियो व फोटोग्राफी की गई। लगातार फुटेज को अपलोड कर डीएम-एसएसपी को भेजी जा रही थी। कार्रवाई के आखिरी दौर तक ड्रोन कैमरा पूरे इलाके की निगहबानी करता रहा। इस के अलावा तीन पुलिस कर्मी भी वीडियो कैमरे से कार्रवाई की रिकॉर्डिंग करते रहे। हर कब्जा धारकों की वीडियो बनाई जाने लगी ।

एसएसपी का फरमान, कवरेज पर लगाई रोक

11 जुलाई को भगवानपुर कुलड़िया में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान कोतवाल द्वारा महिला को धक्का मारने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस की फजीहत हो गई थी। जिसके चलते शनिवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने आदेश जारी कर दिया कि कार्रवाई के दौरान कोई भी मीडिया कर्मी मौके की कवरेज नहीं करेगा और कवरेज के लिए डिवाइडर पार व्यवस्था की गई। जहां से कवरेज करना संभव नहीं था। बाद में विरोध के बाद लाइव मीडिया पर रोक लगा दी गई और चंद मिनटों की मोहलत देते हुए कवरेज किए जाने का समय दिया गया।

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