बलरामपुर: लाल निशान के पार पहुंची राप्ती नदी, तटवर्ती इलाकों में मचा हाहाकार

नहर में डूब कर युवक की और तालाब में डूबने से वृद्ध व बच्चे की हुई मौत

बलरामपुर: लाल निशान के पार पहुंची राप्ती नदी, तटवर्ती इलाकों में मचा हाहाकार

बलरामपुर अमृत विचार। लगातार तीन दिनों से जिले के साथ-साथ नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में हो रही भारी बारिश के चलते रविवार को राप्ती नदी ने लाल निशान पार कर लिया है। नदी का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। राप्ती नदी में आई बाढ़ के चलते करीब 50 गांव में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तटवर्ती इलाकों में स्थित अस्पताल, स्कूल तथा थानों में पानी भर गया है। इसके अलावा कई मार्गों पर बाढ़ के चलते आवागमन ठप हो गया है। जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। हालांकि जिला प्रशासन ने बाढ़ राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। इस सबके बीच नहर में डूबने से एक युवक, तालाब में डूब कर एक वृद्ध और एक बच्चे की मौत हो गई है। 

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जिला आपदा विशेषज्ञ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि रविवार शाम को राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान 104.620 मीटर से करीब 11 सेंटीमीटर ऊपर 104.730 मीटर पर पहुंच गया है। नदी का जलस्तर प्रति घंटे 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में जिले में  209 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। 1 जून से लेकर 7 जुलाई तक जिले में कुल 689 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। 

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उधर नेपाल के कुसुम नदी बैराज से छोड़े गए पानी के कारण राप्ती नदी का जलस्तर खतरे का निशान पर कर गया है। राप्ती में बाढ़ आने से करीब 50 गांव टापू बन गए हैं। तटवर्ती इलाकों में पानी भर गया है। पहाड़ी नालों की बाढ़ के चलते करीब 2 दर्जन गांव प्रभावित हुए हैं। रामगढ़ मैटहवा गांव में खरझार पहाड़ी नाले की बाढ़ के चलते लोगों ने अपना आशियाना उजाड़ना शुरू कर दिया है।

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कई मार्गो पर आवागमन ठप

राप्ती नदी में पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के चलते हरिहरगंज-ललिया मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। प्रशासन ने यहां पर लोगों की मदद के लिए नाव भेजी है। पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के चलते महाराजगंज तराई-ललिया मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है। इसी तरह सीरिया नाले में आई बाढ़ और बूढ़ी राप्ती नदी के उफान के चलते गौर चौराहा-तुलसीपुर मार्ग स्थित दतरंगवा डिप पर भी बाढ़ के पानी का तेज बहाव चल रहा है। यहां पर लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं।

स्कूल, अस्पताल, कोतवाली व सरकारी कार्यालय में भरा बारिश व बाढ़ का पानी

खरझार पहाड़ी नाले की बाढ़ के चलते रामगढ़ मैटहवा कंपोजिट विद्यालय में घुटने तक पानी भरा हुआ है। इतना ही नहीं क्षेत्र के कई और स्कूलों में भी पानी और कीचड़ भरा हुआ है। भारी बारिश के चलते बलरामपुर नगर के गोंडा मार्ग पर स्थित पीडब्ल्यूडी कार्यालय, उतरौला  कोतवाली, उतरौला निबंधक कार्यालय सहित अन्य जगहों पर भी बारिश का पानी भर गया है। अधिकारी व कर्मचारी प्रपत्रों को सुरक्षित करने में लगे हैं। बारिश के पानी के बीच से लोगों को गुजरना पड़ रहा है।

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