Moradabad : जिले में कम होने की बजाय साल दर साल बढ़ रहे क्षय रोगी, जानिए लक्षण
मुरादाबाद,अमृत विचार: जिले में क्षय रोगियों के इलाज व पोषण की व्यवस्था के बाद भी हर साल रोगियों की संख्या कम होने की बजाय बढ़ रही हैं। 2023 की तुलना में 2024 में 2 हजार के करीब रोगी अधिक मिले थे। इस वर्ष की पहले तीन महीने में ही 4220 क्षय रोगी स्क्रीनिंग व जांच में सामने आ चुके हैं।
जिले में क्षय रोग की जांच के लिए टीबी अस्पताल के अलावा सीएचसी व पीएचसी पर भी बलगम जांच की सुविधा है। टीबी के मरीजों की जांच व सर्वे के लिए टीमें ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को रोग के लक्षण व इलाज के बारे में बताते हैं। उनके बलगम की जांच के लिए सैंपल एकत्र कर निशुल्क जांच कराई जाती है।
सरकारी अस्पतालों में इसकी दवा भी निशुल्क मिलती है। बावजूद इसके साल दर साल मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्ष 2023 में जिले में 14,855 क्षय रोगी थे। जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 16,042 हो गई। इस साल के पहले तीन महीने में ही 4220 क्षय रोगी स्क्रीनिंग व जांच में सामने आ चुके हैं। जिनका इलाज चल रहा है। सरकार की ओर से क्षय रोगियों के बेहतर पोषण के लिए पोषणयुक्त आहार के लिए रोगी के बैंक खाते में 1000 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाते हैं।
जिले के 36 गांव इस साल हो चुके हैं टीबी रोग से मुक्त
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले में इस साल 36 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित कर दिया गया है। टीबी मुक्त घोषित होने पर इन गांवों के प्रधानों को 9 अप्रैल को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र और महात्मा गांधी की प्रतिमा देकर पुरस्कृत और सम्मानित किया जा चुका है।
यह है क्षय रोग के लक्षण
व्यक्ति को दो हफ्ते से अधिक की खांसी, बलगम में खून आना, भूख कम लगना, वजन कम होना और सोते समय पसीना आना आदि क्षय रोग के लक्षण हैं।
जिले को क्षय रोग मुक्त होने के लिए करें और ज्यादा जागरूक
जिलाधिकारी अनुज सिंह ने जिले को पूरी तरह टीबी मुक्त घोषित कराने के लिए सभी को जागरूक करने का आह्वान किया है। उन्होंने ग्रामीणों के अलावा ग्राम प्रधानों व अन्य लोगों को इसके लिए प्रयास करने और दूसरों को भी प्रेरित करने की अपील की है। जिससे लोग जागरूक हो सकें। उनका कहना है कि क्षय रोग से मुक्त होने में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का अच्छा होना बहुत जरूरी है। इसके लिए पोषणयुक्त भोजन बहुत जरूरी है।
रोगियों का सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज उपलब्ध है
पहले लोगों में जागरूकता की कमी थी। अब प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश को टीबी मुक्त कराने का अभियान चल रहा है। इसके अन्तर्गत ऐसे रोगियों की स्क्रीनिंग कर खोजा जा रहा है। उनकी जांच में पुष्टि होने पर इलाज व पोषण का ख्याल किया जाता है। अब संख्या स्थिर हो रही है। जिले में 19 सेंटरों जिसमें सीएचसी-पीएचसी भी शामिल है पर क्षय रोगियों की जांच कराई जा रही है। ऐसे रोगियों का सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज उपलब्ध है। - डॉ. प्रवीन श्रीवास्तव, डिप्टी सीएमओ व प्रभारी जिला क्षय रोग अधिकारी
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