मुफ्त सैनिटरी पैड से जुड़ी याचिका पर आठ जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय उस याचिका पर आठ जुलाई को सुनवाई करेगा जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को कक्षा छह से 12वीं तक की छात्राओं को मुफ्त में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने और सरकार द्वारा वित्त पोषित और आवासीय स्कूलों में महिलाओं के लिए पृथक शौचालय सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे पी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को कांग्रेस नेता और सामाजिक कार्यकर्ता जया ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करना है जिसमें उन्होंने स्कूलों में गरीब पृष्ठभूमि की किशोरियों के सामने आने वाली कठिनाइयों को उजागर किया गया है।
इस मामले में पांच फरवरी को आखिरी सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि 10 अप्रैल, 2023 और छह नवंबर, 2023 के आदेश कें संदर्भ में केंद्र सरकार स्कूल जाने वाली लड़कियों को मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों के वितरण पर एक राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए सभी आवश्यक सामग्री एकत्र करने की प्रक्रिया में है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 13 जून को स्कूलों के लिए जारी एक परामर्श में कहा कि छात्राओं को कक्षा 10 और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान शौचालय जाने के लिए आवश्यक ब्रेक लेने की अनुमति दी जानी चाहिए और सभी परीक्षा केंद्रों पर मुफ्त सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ग्रीष्म अवकाश के बाद आठ जुलाई को फिर से खुलने वाला है। कांग्रेस नेता ठाकुर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि 11 से 18 वर्ष उम्र के बीच की गरीब पृष्ठभूमि की किशोरियों को शिक्षा प्राप्त करने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 ए के तहत एक संवैधानिक अधिकार है।
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