पीलीभीत: महायोजना-2031 को शासन ने दी मंजूरी...जल्द घूमेगा विकास का पहिया 

पीलीभीत: महायोजना-2031 को शासन ने दी मंजूरी...जल्द घूमेगा विकास का पहिया 

पीलीभीत, अमृत विचार। बहुप्रतिक्षित महायोजना-2031 को शासन से मंजूरी मिल गई है। महायोजना लागू होने के बाद शहर को सुनियोजित ढंग से विकसित किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक शासन से मानचित्र आने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। नई महायोजना में 2622 हेक्टेयर भूमि विनियमित क्षेत्र के लिए आरक्षित की गई है।
                           
शासन के निर्देश पर महायोजना-2031 का खाका तैयार करने की शुरुआत साल 2022 से शुरू की गई थी। शहर समेत इससे सटे 40 गांवों का जीआईएस आधारित सर्वे किया था। सर्वे के बाद सुझाव और आपत्तियां मांगी गई थीं। आपत्तियों पर सुनवाई के बाद उनका निस्तारण किया गया।

भौतिक सत्यापन के बाद महायोजना-2031 के विभिन्न बिंदुओं पर प्रशासन की ओर से मंथन किया गया और अफसरों की बैठक हुई। इसके बाद तैयार महायोजना-2031 को बीते साल अक्टूबर में शासन को भेजा गया था। हालांकि बाद में इस पर आपत्तियां लगती रहीं, मगर प्रशासनिक स्तर पर इन आपत्तियों का निस्तारण कर लिया गया।

पिछले दिनों शासन स्तर पर महायोजना का प्रस्तुतीकरण भी हो चुका है। इधर शासन के अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकरण ने पीलीभीत महायोजना-2031 को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों के मुताबिक शासन से मानचित्र आने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

नई महायोजना के तहत ऐसे होगा विकास
नई महायोजना 2.74 लाख आबादी को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। महायोजना-2011 में 1557 हेक्टेयर भूमि विनियमित क्षेत्र के लिए आरक्षित की गई थी। वहीं महायोजना-2031 में इसका दायरा बढ़ाते हुए इसे 2622 हेक्टेयर किया गया है। इसमें 49.5 प्रतिशत क्षेत्रफल आवासीय, कमर्शियल के लिए 3.4 प्रतिशत, ग्रीन बेल्ट के लिए 15.6 प्रतिशत और यातायात परिवहन के 13.8 प्रतिशत क्षेत्रफल आरक्षित किया गया है।

शासन के निर्देशानुसार नई महायोजना में टनकपुर हाईवे से असम हाईवे को जोड़ने वाले टनकपुर बाईपास इलाके का समुचित विकास किया जाएगा। यहां नया बस स्टैंड, ट्रांसपोर्ट नगर आदि प्रस्तावित है। नई महायोजना में हाईवे के दोनों ओर 30 मीटर चौड़े ग्रीन बेल्ट के बाद 300 मीटर हाई फैसिलिटी जोन भी बनाए जाएंगे। इनमें दैनिक उपयोग की दुकानें, रिसॉर्ट, वे-साइड रेस्टोरेंट आदि खुल सकेंगे।

महायोजना-2031 को शासन ने स्वीकृति दे दी है। इससे पूर्व शासन स्तर पर महायोजना का प्रस्तुतीकरण हो चुका है। शासन से मानचित्र और अन्य अभिलेख प्राप्त होने के बाद महायोजना को लागू किया जाएगा। -संजय कुमार सिंह, डीएम