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देहरादून: अब वन उपज की श्रेणी में आएंगे कीड़ाजड़ी और मोरेल मशरूम यानी गुच्छी
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देहरादून, अमृत विचार। अभी तक कीड़ाजड़ी और गुच्छी मशरूम वन उपज की श्रेणी से बाहर थे लेकिन जल्द इसे इस श्रेणी में लाए जाने की कवायद चल पड़ी है।
वन महकमे के अनुसार वन उपज की श्रेणी में आने के बाद कीड़ाजड़ी के अनियंत्रित विदोहन रोकने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि पिथौरागढ़ और चमोली के उच्च हिमालय में लोग कीड़ाजड़ी के विदोहन के लिए जाते हैं जिसकी काफी मांग तो है ही और दाम भी मनमाफिक मिल जाते हैं। इसी तरह गुच्छी मशरूम की खासी डिमांड होती है जो काफी महंगा बिकता है।
महकमे के अनुसार वन उपज की श्रेणी में आने के बाद कीड़ाजड़ी और गुच्छी के विदोहन का काम व्यवस्थित तरीके से हो सकेगा। जिससे विदोहन की जगह,लोग आदि की पूरी जानकारी हो सकेगी। नियम के लागू होने के बाद इसमें ट्रांजिट फीस भी संबंधित व्यक्ति को देना होगा, जिससे सरकार को राजस्व भी मिलेगा। मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत डॉ. पराग मधुकर धकाते कहते हैं कि वन उपज में आने के बाद अनियंत्रित विदोहन को रोकने में मदद मिलेगी साथ ही राजस्व की प्राप्ति भी होगी।