बरेली गोलीकांड के आरोपी राजीव राणा के भाई संजय ने किया आत्मसमर्पण

बरेली गोलीकांड के आरोपी राजीव राणा के भाई संजय ने किया आत्मसमर्पण

बरेली, अमृत विचार। प्लॉट पर कब्जे के लिए दो घंटे तक पीलीभीत बाईपास पर गोलीबारी कराने वाले राजीव राणा के भाई संजय राणा ने बुधवार को अचानक एसएसपी कार्यालय पहुंचकर पुलिस को चौंका दिया।

बारिश के दौरान छतरी लेकर पहुंचे संजय ने कहा, मैं ही संजय राणा हूं, मुझे गिरफ्तार कर लो। पुलिस की पांच टीमें संजय राणा की तलाश कर रही थीं लेकिन उसके आत्मसमर्पण के बाद पता चला कि वह कई दिन से बरेली में ही छिपा हुआ था।

संजय राणा सुबह 10 बजे हाथ में छतरी लिए हुए एसएसपी कार्यालय पहुंचा। एसएसपी अनुराग आर्य इस समय मौजूद नहीं थे। कार्यालय में मौजूद पुलिसकर्मियों से उसने कहा, मैं ही राजीव राणा का भाई संजय राणा हूं। मुझे गिरफ्तार कर लो। पुलिस में इससे खलबली मच गई।

फौरन संजय राणा को एक तरफ बैठा लिया गया और थाना इज्जतनगर सूचना दी गई। कुछ ही देर में सीओ अनीता चौहान और थाने की पुलिस पहुंच गई। संजय राणा को थाना इज्जतनगर ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी गई। संजय राणा ने बताया कि गोलीकांड के बाद वह दिल्ली भाग गया था जिसके बाद उत्तराखंड चला आया। कुछ दिन वहां बिताने के बाद बरेली आ गया। यहां अलग-अलग रिश्तेदारों के यहां रह रहा था।

पीलीभीत रोड पर महादेव मार्बल शोरूम के पास करीब 15 करोड़ कीमत के प्लॉट पर कब्जे के लिए राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय गुट के बीच भीषण गोलीबारी हुई थी। करीब पौन घंटे तक सौ से ज्यादा गोलियां चलाने के साथ तोड़फोड़ और आगजनी भी की गई। इस बीच सड़क पर यातायात रुका रहा।

बरेली में पहली बार इस तरह की आपराधिक घटना के बाद राजीव राणा और उपाध्याय पक्ष के होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज हाल को पुलिस-प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। । राजीव राणा समेत 30 आरोपी जेल भेज जा चुके हैं। इनमें कई को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया।

सुबह चार बजे करना था कब्जा, लेट होने से हो गई गड़बड़
पुलिस ने संजय राणा से शुरू की पूछताछ, कई बड़े नाम सामने आने की उम्मीद
संजय राणा से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि पुलिस ने अगर सही ढंग से पूछताछ की तो अब तक पर्दे के पीछे छिपे कई बड़े नाम भी सामने आएंगे। पुलिस के मुताबिक संजय राणा ने बताया है कि प्लॉट पर कब्जा करने की जिम्मेदारी भाई राजीव राणा ने उसे सौंपी था। उसने इसके लिए रिठौरा के हिस्ट्रीशीटर केपी यादव से छह महीने पहले संपर्क किया था।

केपी ने 30 लाख रुपये मांगे थे लेकिन 25 लाख रुपये में सौदा हो गया। इसके बाद उसने केपी को एक बार तीन लाख, फिर ढाई-ढाई लाख रुपये समेत कुल लाख रुपये दिए थे। बाकी रकम काम होने के बाद देनी थी। उसे अंदेशा नहीं था कि गोलीकांड इतना तूल पकड़ लेगा। उसने यह भी बताया कि 21 जून की रात को सभी बदमाशों को होटल सीके वैली में बुलाया गया।

योजना सुबह चार बजे अंधेरा रहते ही जेसीबी से तोड़फोड़ कर कब्जा लेने की थी। लेकिन रात को सभी ने इतनी ज्यादा शराब पी ली कि सुबह उजाला होने के बाद आंख खुली। इसके बाद कब्जा करने पहुंचे तो आदित्य उपाध्याय पक्ष भी आ गया। इसी वजह से लंबी गोलीबारी हुई और वे प्लॉट पर कब्जा करने में नाकाम हो गए।

चांद मियां का होटल सीके वैली भी गिराया जाएगा
सीके वैली होटल के मालिक चांद मियां भी गोलीकांड का प्रमुख आरोपी है। उसी के होटल में ही गोलीकांड की योजना तैयार करने के साथ बदमाशों को इकट्ठा किया गया था। केस में नामजद होने के कारण पुलिस चांद मियां की तलाश कर रही है लेकिन वह भी अब तक हाथ नहीं आया है। उसके होटल सीके वैली का नक्शा बीडीए से मंजूर नहीं है। इसलिए पुलिस ने बीडीए के सहयोग अब सीके वैली होटल को ध्वस्त करने की कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

गोलीकांड के आरोपी संजय राणा ने एसएसपी कार्यालय में आत्मसमर्पण किया है। उसे गिरफ्तार कर इज्जतनगर पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। - राहुल भाटी, एसपी सिटी

ये भी पढ़ें- बरेली: जर्जर आवास...कर्मचारियों के परिवारों की दहशत में गुजर रहीं रातें