सुलतानपुर: महिला आरक्षी के यौन शोषण के केस में इंस्पेक्टर तोमर पर चलेगा दुष्कर्म समेत अन्य आरोप में मुकदमा

जिला जज ने निरस्त किया रिवीजन, सीजेएम के आदेश की हुई पुष्टि, विवेचना को माना त्रुटि पूर्ण 

सुलतानपुर: महिला आरक्षी के यौन शोषण के केस में इंस्पेक्टर तोमर पर चलेगा दुष्कर्म समेत अन्य आरोप में मुकदमा

सुलतानपुर, अमृत विचार। पुलिस की विवेचना निरस्त करते हुए ने दुष्कर्म, धन हड़पने व आईटी एक्ट के तहत मुकदमा चलाने का जो आदेश दिया था उसे जिला जज जय प्रकाश पांडे ने सही माना है। उन्होंने फरार इंस्पेक्टर नीशू तोमर का रिवीजन निरस्त कर दिया है। मामला बहुचर्चित महिला आरक्षी और उसके साथ लैंगिक अत्याचार का है।

पीड़िता के अधिवक्ता संतोष पाण्डेय ने बताया कि पुलिस कार्यालय में तैनात रही एक महिला कांस्टेबल ने 22 जुलाई 2022 को एफआईआर कोतवाली नगर में लिखाया था। जिसमे उसके हलियापुर थाने में तैनात रहने के दौरान वहाँ के थानाध्यक्ष द्वारा दुष्कर्म करने पैसा हड़पने तथा अश्लील वीडियो बनाकर वायरल करने का आरोप लगाया गया। जिसकी पुष्टि महिला कांस्टेबल ने अपने कलम बंद बयान में भी किया।

यह भी बताया कि वहाँ से स्थानांतरण होने के बाद भी आरोपित उसके साथ दुष्कर्म और मारपीट करता था। यह भी कि दो पत्रकारों को भी अश्लील वीडियो देकर वायरल कराया गया। उसी की विवेचना के दौरान आरोपित को महिला थानाध्यक्ष ने गिरफ्तार किया फिर वह लापता हो गया।

जिसके संबन्ध में इंस्पेक्टर की पत्नी ने भी उच्च न्यायालय तक में याचिका दायर की. अंततः विवेचक ने सभी धाराओं के आरोप झूठा मान मात्र गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देने का आरोप पत्र न्यायालय में भेज दिया।जिस पर महिला कांस्टेबल की तरफ से प्रोटेस्ट दाखिल किया गया था। जिसमे आदेश  हुआ कि इंस्पेक्टर नीशू तोमर पर दुष्कर्म धन हड़पने व अन्य धाराओं में भी मुकदमा चलने के पर्याप्त साक्ष्य हैं।

इस आदेश के विरुद्ध इंस्पेक्टर ने रिवीजन दाखिल कर लोअर कोर्ट के आदेश को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी। जनपद न्यायाधीश जय प्रकाश पांडेय ने  लोअर कोर्ट के आदेश पर  मुहर लगाते हुए सीजेएम केआदेश को विधि सम्मत माना है।  जिससे इंस्पेक्टर नीशू तोमर की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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