कानपुर के इन 26 गांवों में होगी चकबंदी, किसानों को बनाकर दिया जाएगा चकमार्ग, सरकारी जमीनों से हटेगा कब्जा
मार्च में हुआ था गजट, अभिलेख राजस्व से चकबंदी को सुपुर्द हुए
कानपुर, अमृत विचार। बिल्हौर तहसील के 26 गांवों में चकबंदी की तैयारी शुरू है। पहली बार किसानों को चकबंदी के साथ अन्य सुविधाएं भी मिलने वाली हैं। चकमार्ग बनाकर दिया जाएगा। किसानों की भूमि का चिह्नांकन सही तरीके से हो, इसके लिए नापजोख में पारदर्शिता रहेगी।
किसानों की टुकड़ों में पड़ी भूमि सहमति के आधार पर एक स्थान पर होगी। जिन सरकारी जमीन पर कब्जे और अतिक्रमण हैं, उन्हें हटाया जाएगा। चरागाह, घूरा और ग्रामसमाज की भूमि भी चिह्नित की जाएगी।
एडीएम न्यायिक सूरज यादव ने बताया कि यूपी जोत चकबंदी अधिनियम के तहत गांवों में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत जिले के कई गांवों में पहली बार तो कई में दूसरी बार चकबंदी कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि बिल्हौर तहसील के 26 नए गांव चकबंदी प्रक्रिया से चुड़े हैं।
उन गांवों में चकबंदी से जुड़े काम चालू हो गए हैं। जब तक धान की फसल कटेगी सारी प्रक्रिया पूरी कर चकबंदी का काम चालू हो जाएगा। गांवों के चकबंदी प्रक्रिया में शामिल होने की खबर किसानों को दे दी गई है। उन्होंने बताया कि 26 गांव में पांच गांव ऐसे हैं जहां पहली बार चकबंदी हो रही है।
वहीं 21 गांवों में दूसरी बार चकबंदी होनी है। 23 मार्च को इन गांवों का गजट हुआ था। उसके बाद 7 मई को तहसील को अभिलेख मिला। राजस्व से अभिलेख मिलने के बाद मालियत लगाने का काम चल रहा है।
इन गांवों में होगी चकबंदी
पलिया बुजुर्ग, बैडीअलीपुर, बरंडा, गढ़ेवा, आलगपुर, कीरतपुर, कुरेह, फत्तेपुर, खरपतपुर, खोंधन, चौधरीपुर, ततारपुर, पाठकपुर बिठूर, गदनपुर चोरसा, विकरू, मकरंदपुर शिवराजपुर, मद्दूपुर, उत्तगपुर, सकरवा, बहरगपुर, बूढ़नपुर, मरखरा, वाजिदपुर, रामपुर नरूवा, सलेमपुर बिठूर, विशुनपुर गांव हैं।
एडीएम न्यायिक की होगी अध्यक्षता
एडीएम न्यायिक की अध्यक्षता में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। तहसीलदार तिमराज सिंह ने बताया कि तालाब और बाग को चकबंदी में यथावत रखा जाएगा। आपसी समझौते से खेतों को चकबंदी में एक स्थान पर किया जाएगा। इसके साथ ही किसानों को खेतों पर जाने के लिए चकमार्ग बनाकर दिया जाएगा।