![लखीमपुर-खीरी: बिजली गुल रहने से लोगों ने किया हाईवे जाम, वाहनों की लगी लंबी कतार](https://www.amritvichar.com/media/c200x160/2024-06/321321321.jpg)
बरेली: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवतियों को इलाज प्रभावित, चल रहा रेफर करने का खेल
![बरेली: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवतियों को इलाज प्रभावित, चल रहा रेफर करने का खेल](https://www.amritvichar.com/media/2024-06/65464654987984562.jpg)
फोटो- जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में मौजूद मरीज।
बरेली, अमृत विचार: जिले में सीएचसी स्तर पर डॉक्टरों की तैनाती के बाद भी गर्भवतियों का रेफर करने का खेल चल रहा है। तीन महीने में 240 गर्भवतियों को रेफर किया जा चुका है। इनमें 10 फीसदी गर्भवती ऐसी थीं, जिनकी जिला महिला अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में हालत गंभीर हो गई थी। इन मरीजों को सीएचसी पर ही इलाज मिल सकता था, लेकिन डॉक्टर और स्टाफ ने रेफर कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। इस मामले में जिला महिला अस्पताल भी पीछे नहीं है। तीन महीने में यहां से भी 43 फीसदी मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा चुका है।
जिले में 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) संचालित हैं। सभी केंद्रों पर डॉक्टर तैनात हैं, लेकिन जिस तरह से गर्भवतियों को रेफर किया जा रहा है, उससे तो यही लग रहा है कि डॉक्टर सिर्फ प्राथमिक उपचार देकर मरीजों को रेफर करने काम कर रहे हैं। ऐसे में मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है।
वर्जन
देहात क्षेत्र से आने वाली गर्भवतियों की संख्या रोजाना पांच से छह रहती है। इनमें कई ऐसी गर्भवतियों को रेफर कर दिया जाता है, जिनका प्रसव सीएचसी स्तर पर हो सकता है। हालांकि अस्पताल आने वाले सभी मरीजों का इलाज करना प्राथमिकता है- डॉ. त्रिभुवन प्रसाद, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल
यह भी पढ़ें- बरेली: समीक्षा बैठक में डीएम ने जाहिर की नाराजगी, बोले- राजस्व वसूली में उदासीन अमीनों को हटाएं