लखनऊः युगाण्डा में दम नहीं दिखाएंगे पुनर्वास विवि के खिलाड़ी, आर्थिक मदद न मिलने से नाम लिया वापस 

लखनऊः युगाण्डा में दम नहीं दिखाएंगे पुनर्वास विवि के खिलाड़ी, आर्थिक मदद न मिलने से नाम लिया वापस 

डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के तीन खिलाड़ियों ने युगांडा में होने वाली पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिया है। ऐसा उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से आर्थिक मदद नहीं मिल पाने के कारण किया है।

लखनऊ, अमृत विचार: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के तीन खिलाड़ियों ने युगांडा में होने वाली पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिया है। ऐसा उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से आर्थिक मदद नहीं मिल पाने के कारण किया है।

पुनर्वास विवि के दिव्यांग खिलाड़ी कुमारी सर्वेश, हामिद सलमानी और सिराजुद्दीन अहमद का युगांडा में होने वाली अंतरराष्ट्रीय पैराबैडमिंटन प्रतियोगिता में चयन हुआ था। तीनों खिलाड़ियों ने विवि प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगाई। कुछ समय तक विवि प्रशासन आश्वासन देता रहा लेकिन अंतिम समय में हाथ खड़े कर दिये। मजबूरी में तीनों खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिया। विवि के प्रवक्ता डॉ. यशवंत विरोदय ने बताया कि एक वर्ष से खेल संबंधी नियमावली तैयार की जा रही है। संबंधित समिति को प्रभावी बनाने के लिए शासन स्तर के दो खेल प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाना है, जो पूरा नहीं हो सका। समिति में अभी पाण्डेय राजीव नयन, संजय सिंह, डॉ. सौम्या शंकर और अबू हुबैदा ही बतौर सदस्य शामिल हैं। समिति प्रभावी होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।

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हिम्मत नहीं हारेंगे, फिर करेंगे प्रयास
आधा दर्जन से अधिक पदक हासिल करने वाली कुमारी सर्वेश कहती हैं कि पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका मिला था लेकिन धनराशि इकट्ठा नहीं हो पाया। कहीं से आर्थिक मदद भी नहीं मिली। मजबूरन एंट्री वापस लेनी पड़ी। फिर प्रयास किया जाएगा। हामिद सलमानी का कहना है कि यदि विवि आर्थिक मदद कर देता तो मेडल लेकर ही हम लोग वापस लौटते।वहीं सिराजुद्दीन ने बताया कि अगले साल फिर प्रयास किए जाएंगे।

इस तरह से मिलती है आर्थिक मदद
वित्तीय सहयोग के लिए समिति पहले उद्देश्य परक प्रस्ताव विश्वविद्यालय के अधिकारिक कार्य परिषद में पेश करती है। वहां से मंजूरी मिलने पर आर्थिक सहयोग किया दिया जाता है।

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