बरेली: राहुल का दर्द बता रहा दिव्यांगों के लिए चलाई जा रहीं योजनाओं का सच, पढ़िए पूरी खबर

बरेली: राहुल का दर्द बता रहा दिव्यांगों के लिए चलाई जा रहीं योजनाओं का सच, पढ़िए पूरी खबर

बरेली, अमृत विचार: दिव्यांगों के लिए तमाम योजनाएं चलाई रही हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई इससे इतर है। तीन महीने से दिव्यांग प्रमाण बनवाने के लिए राहुल सीएमओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक उनका प्रमाण नहीं बन सका है। सोमवार को भी वह कार्यालय में आयोजित शिविर में पहुंचे। सुनवाई नहीं हुई तो वह दोपहर बाद निराश होकर लौट गए। उनके सिर से मां बाप का साया उठ चुका है। उन्हें यहां तक आने में भी तमाम परेशानियों से जूझना पड़ता है।

आंवला के रफियाबाद निवासी 24 वर्षीय राहुल सागर दाएं पैर से दिव्यांग हैं। बचपन में उन्होंने मां को खो दिया। जब जिंदगी को ठीक से समझने की उम्र हुई तो 6 साल पहले पिता की टीबी की बीमारी से मौत हो गई। वह तीन माह से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सीएमओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर उन्हें टकरा दिया जाता है। आज भी उनका साथ यही हुआ। शिविर में उनकी सुनवाई नहीं हुई। काफी देर तक वह यहां बैठ रहे। आखिर में वह थक हार कर घर लौट गए।

शिविर में बढ़ी दिव्यांगों की भीड़
बारिश के बाद गर्मी का प्रकोप कुछ कम हुआ तो शिविर में भी दिव्यांगों की भीड़ बढ़ गई। सोमवार को बड़ी संख्या में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पहुंचे। इस दौरान शिविर में अव्यवस्थाएं हावी रहीं। इस वजह से दिव्यांगों को परेशानी झेलनी पड़ी।

इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर तीन महीने से किसी दिव्यांग की समस्या है तो उसका समाधान कराया जाएगा। संबंधित अफसरों को निर्देशित किया जाएगा। नियमानुसार प्रमाण पत्र जारी किया जाए- डॉ. विश्राम सिंह, सीएमओ

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