कांग्रेस की ‘तानाशाही’ सोच को उजागर करने के लिए आपातकाल की बरसी पर देशव्यापी कार्यक्रम करेगी भाजपा
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कहा कि वह कांग्रेस की तानाशाही और संविधान के प्रति उसकी सोच का ‘पर्दाफाश’ करने के लिए 1975 के आपातकाल की बरसी के मौके पर एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम शुरू करेगी। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने एक बयान में कहा कि पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में ‘लोकतंत्र के काले दिन’ शीर्षक वाले मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रपति देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा-चाहे वह युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से हो- होने पर आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। बलूनी ने कहा, ‘‘आपातकाल भारत के महान लोकतंत्र का एक काला अध्याय है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। देश में लोकतंत्र का गला घोंटते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश पर ‘आपातकाल’ थोप दिया था।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने 21 महीनों तक देश के लोकतंत्र तथा भारत के संविधान को बंधक बनाए रखा तथा इन 21 महीनों में देश की जनता पर, मीडिया पर और विपक्ष के नेताओं पर अनगिनत जुल्म ढाए जो कांग्रेस के एकतरफा अत्याचारों का पर्याय बन गया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेसी सरकार ने सभी नागरिक अधिकारों को खत्म कर दिया था और सरकार के इस अलोकतांत्रिक रवैये का विरोध करने वाले तमाम नेताओं को जबरन और अकारण जेल में बंद कर दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय इतिहास में जोड़े गए इस अभिशप्त पन्ने को पढ़ कर आज भी खौफ उत्पन्न होता है। कांग्रेस की इसी तानाशाही बर्बरता और देश के संविधान के प्रति उनकी सोच को उजागर करने के लिए भाजपा ने राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का आयोजन किया है।’’
उन्होंने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा मंगलवार को राजधानी स्थिति पार्टी मुख्यालय में ‘आपातकाल’ के विरोध में आयोजित कार्यक्रम ‘डार्क डेज ऑफ डेमोक्रेसी’ (लोकतंत्र के काले दिन) को संबोधित करेंगे। भाजपा नेता ने कहा कि देश भर में भाजपा के नेता, कार्यकर्ता, पार्टी पदाधिकारी कांग्रेस द्वारा देश पर थोपे गए ‘आपातकाल’ के खिलाफ आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेंगे और कांग्रेस की हकीकत को देश की जनता के सामने उजागर करेंगे...।
उन्होंने कहा, ‘‘...किस तरह कांग्रेस ने देश के संविधान का गला घोंटा, देश की जनता के अधिकार छीने, कैसे 21 महीनों तक विपक्ष के नेताओं पर जुल्म की इन्तेहा की, कैसे मीडिया का दमन किया, कैसे सच बोलने वालों को कुचला, कैसे देश के लोकतंत्र की गरिमा को तार-तार किया और कैसे आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (मीसा) और डिफेंस ऑफ इंडिया रूल्स (डीआईआर) के तहत लोगों का दमन किया।’’
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपातकाल को लोकतंत्र पर लगा ‘काला धब्बा’ करार देते हुए कहा कि इसकी 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करेगा। अठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत के अवसर पर संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘कल 25 जून है। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित है, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं... उनके लिए 25 जून ना भूलने वाला दिवस है। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की नयी पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि उस समय कैसे देश के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, देश को जेल खाना बना दिया गया था और लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।
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