PCS अधिकारी की गाड़ी से उतारी गई थी नीली बत्ती, दो दारोगा लाइन हाजिर

पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई को लेकर मचा बवाल

PCS अधिकारी की गाड़ी से उतारी गई थी नीली बत्ती, दो दारोगा लाइन हाजिर

अमिताभ ठाकुर ने कहा- घटेगा पुलिस का मनोबल

अमृत विचार, बाराबंकी। शहर में वाहन चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस टीम ने एक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और एसडीएम लिखे वाहन पर लगी नीली बत्ती को उतरवाया। पुलिस की इस कार्रवाई का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो जिले के आलाधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए उन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।

लखनऊ अयोध्या मार्ग के पटेल तिराहे पर बुधवार शाम नगर कोतवाली की पुलिस टीम ने वाहनों की चेकिंग लगा रखी थी। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार लिखी और नीली बत्ती लगी एक गाड़ी को पुलिस ने रोक लिया। सरकारी गाड़ी पर नीली बत्ती के साथ हूटर भी था। पुलिस कर्मियों ने ड्राइवर से जानकारी की तो पता चला कि गाड़ी पीसीएस अधिकारी मधुमिता सिंह की है। उसके बाद भी पुलिसकर्मियों ने गाड़ी पर लगी बत्ती को ड्राइवर से उतरवा दिया। पीसीएस अधिकारी मधुमिता सिंह बाराबंकी के रामनगर तहसील में एसडीएम न्यायिक के पद पर तैनात हैं। इनके पास फतेहपुर तहसील का भी न्यायिक मजिस्ट्रेट का चार्ज है। जानकारी के मुताबिक कार्रवाई के समय उनकी बहन गाड़ी में बैठी थीं।

इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी पीसीएस अधिकारी मधुमिता सिंह ने जिलाधिकारी तक पहुंचाई। जिसके बाद पुलिस के इस बर्ताव की शिकायत उन्होंने डीएम से की। डीएम ने इसकी जानकारी एसपी दिनेश कुमार सिंह को दी। एसपी पूरे मामले की जानकारी की तो पता चला कि यह कार्रवाई नगर कोतवाली के एसएसआई विष्णु कुमार शर्मा और आवास विकास चौकी इंचार्ज मनोज सिंह  ने की थी। एसपी ने दोनों के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया।

बत्ती लगाने के लिये अधिकृत

अधिकारियों की मानें तो मजिस्ट्रेट गाड़ी पर बत्ती लगा सकते हैं। आपदा प्रबंधन के तहत वह इसके लिये अधिकृत हैं। पुलिस कर्मियों को शायद इस नियम की जानकारी नहीं थी और उन्होंने यह कार्रवाई कर दी। हालांकि चर्चा यह भी है कि डयूटी के दौरान अधिकारी जब खुद बैठे हों, तब गाड़ी पर बत्ती का प्रयोग कर सकते हैं। हालंकि जब यह कार्रवाई हुई उस समय पीसीएस अधिकारी के परिवार की सदस्य गाड़ी में बैठीं थीं।

नहीं हुआ था चालान

जानकारी के मुताबिक पीसीएस की गाड़ी की सिर्फ बत्ती उतारी गई। उसका चालान नहीं किया गया था। जानकारी के मुताबिक वाहन अनुबंधित है, जिसका सरकारी रेट से पेमेंट हो रहा है।

कार्रवाई से घटेगा पुलिस का मनोबल

वहीं इस पूरे मामले में पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी व आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि महिला पीसीएस अफसर की गाड़ी पर लगी नीली बत्ती उतारे जाने के मामले में उप निरीक्षक विष्णु कुमार शर्मा व मनोज कुमार सिंह को लाइन हाजिर किया जाना गलत है। उन्हें इसपर आपत्ति जताते हुए डीजीपी को पत्र भी भेजा है। डीजीपी को भेजे गये अपने पत्र में उन्होंने कहा कि यह दोनों पुलिस अफसर अपना कर्तव्य निभा रहे थे। ऐसे में उन्हें लाइन हाजिर किया जाना गलत है। इससे पुलिस बल का मनोबल घटेगा।

कार्रवाई से जुड़ा महिला आईएएस का नाम

वहीं इस कार्रवाई के बाद जिले भर में तरह तरह की चर्चाएं चलीं। इस मामले में एक महिला आईएएस अधिकारी का नाम सामने आने लगा। जिसका खंडन करते हुए जिले के आलाधिकारियों ने बताया कि इस नाम का कोई आईएएस अधिकारी जिले में नहीं है। डीएम सत्येंद्र कुमार ने बताया कि गाड़ी में कोई आईएएस या पीसीएस अधिकारी नहीं बैठा था। पीसीएस अधिकारी की गाड़ी थी, जो कि रामनगर में तैनात हैं। पुलिस ने नॉर्मल चेकिंग के दौरान गाड़ी रोकी थी। यह चेकिंग यातायात सप्ताह के चलते की जा रही थी।

बाराबंकी के एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया है कि गलत व्यवहार करने के कारण दोनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

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