बरेली: भाजपा के विधायकों से नाराज थे लोग, विपक्ष के संविधान बदलने के मुद्दे ने भी पलटा खेल

आंवला में भाजपा की हार के कारणों के बारे में पर्यवेक्षकों ने लिया फीडबैक

बरेली: भाजपा के विधायकों से नाराज थे लोग, विपक्ष के संविधान बदलने के मुद्दे ने भी पलटा खेल

बरेली, अमृत विचार। आंवला सीट पर भाजपा की हार के कारणों की बुधवार को पूरे दिन तलाश की गई। संगठन की ओर से नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों ने लोकसभा क्षेत्र की अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर समीक्षा बैठकें की। पर्यवेक्षकों ने संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं से लेकर क्षेत्र के कुछ लोगों से भी फीड बैक लिया, जिसमें कई वजहें निकलकर सामने आईं हैं।

सूत्रों के अनुसार, प्रमुख ताैर पर जनप्रतिनिधियों की जनता से दूरी, आम आदमी की समय से सुनवाई न होना और अधिकारियों की मनमानी जैसे तमाम कारण पाए गए। हालांकि, बैठक बहुत गोपनीय तरीके से की गई। इस मसले पर पार्टी का कोई भी पदाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

आंवला के चार विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक होने के बाद भी लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की हार के कारणों का पता लगाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कानपुर की विधायक नीलिमा कटियार और पश्चिमी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसौदिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था जिन्होंने बुधवार को बिथरी विधानसभा क्षेत्र के आलमपुर जाफराबाद, फरीदपुर क्षेत्र में फ्यूचर कॉलेज और आंवला क्षेत्र में रामनगर मार्ग के एक बैंक्वेट हाल में अलग-अलग समीक्षा बैठक कीं। इन बैठकों में ब्लाॅक प्रमुख, मंडल और बूथ अध्यक्ष, बूथ समितियों के सदस्य, शक्ति केंद्र प्रभारी, संयोजक और कुछ क्षेत्रीय लोगों को बुलाया गया था।

पर्यवेक्षकों ने पदाधिकारियों से सवाल किया कि सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं के बाद भी पार्टी प्रत्याशी की हार क्यों हुई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पर्यवेक्षकों को बताया गया कि पार्टी के विधायक क्षेत्रीय लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। उनके पास जाने पर समस्या का समाधान नहीं मिला। राजस्व और पुलिस संबंधी मामलों में लोगों को परेशान होना पड़ा। जनता के प्रति अधिकारियों का रवैया भी अच्छा नहीं रहा। छुट्टा पशुओं के साथ विपक्ष के संविधान बदलने के मुद्दे का भी असर पड़ा।

इसके अलावा चुनाव में कार्यकर्ताओं की सुस्ती, प्रभावी बूथ मैनेजमेंट की कमी और पार्टी नेताओं के अति उत्साह जैसे कारण भी बैठक में गिनाए गए। पर्यवेक्षकों ने भितरघात करने वालों के बारे में भी जानकारी ली। दोनों पर्यवेक्षक संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर 20 जून तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को साैंपेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी भेजी जाएगी।

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