Kanpur: केडीए के खाली फ्लैट हो रहे खंडहर, नहीं मिल रहे खरीदार...कीमतें फ्रीज रखीं फिर भी तीन साल में इतने भी नहीं बिके
केडीए की 14 योजनाओं में वीरान पड़े हैं 7 हजार से ज्यादा फ्लैट
कानपुर, अमृत विचार। केडीए की 14 योजनाओं में अभी भी 7322 फ्लैट खाली पड़े हैं। इनको खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इन खाली फ्लैट्स को बेचने के लिये केडीए लगातार मशक्कत कर रहा है, लेकिन लोगों की दिलचस्पी इन फ्लैट्स को खरीदने में नहीं दिखाई पड़ रही है। यहां तक कि लगातार रेट फ्रीज करने और चौथाई तथा आधी कीमत चुकाने पर ही कब्जा देने के बाद भी केडीए फ्लैट नहीं बेच पा रहा है, जबकि केडीए की इन्हीं योजनाओं के आसपास बने निजी बिल्डरों के अपार्टमेंट धड़ल्ले से बिक रहे हैं।
केडीए ने शहर में विभिन्न योजनाओं में 11,304 फ्लैट बनाए हैं। लेकिन इनमें से सिर्फ 3,982 फ्लैट ही बिक पाए हैं। 7,332 फ्लैटों को अभी भी खरीदारों का इंतजार है। इन फ्लैट्स को कमीशन एजेंट भी नहीं बेच पा रहे हैं। वर्ष 2023-24 में इन खाली फ्लैट्स में सिर्फ 122 फ्लैट ही बिक सके थे। अभी भी 179 थ्री बीएचके फ्लैट खाली पड़े हैं। अन्य योजनाओं में बड़ी संख्या में टू और वन बीएचके फ्लैट्स खाली हैं। थ्री बीएचके फ्लैट सिग्नेचर ग्रींस विकास नगर, केडीए हाईट कल्याणपुर-बिठूर रोड और केडीए ग्रींस मैनावती मार्ग पर हैं।
कीमतें फ्रीज रखीं फिर भी तीन साल में 700 फ्लैट भी नहीं बिके
केडीए की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020-21 में 252 और 2021-22 में 324 फ्लैट बिके थे। लेकिन 2022-23 में फ्लैट्स बिक्री का आंकड़ा 100 की संख्या भी नहीं छू सका। 2023-24 में सिर्फ 122 फ्लैट ही बिक सके थे। साल 2015 में केडीए ने फ्लैट्स बेचने के लिए पहले आओ पहले पाओ स्कीम लागू की थी। फ्लैट नहीं बिकने पर वर्ष 2019 में फ्लैटों के रेट फ्रीज कर दिए गए थे, तब से अब तक रेट नहीं बढ़ाए गए हैं। लगातार रेट फ्रीज ही रखे गए हैं, बावजूद इसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं।
लुभावने आफर के बाद भी 14 अरब से ज्यादा फंसे पड़े
केडीए के बहुमंजिली इमारतों में फ्लैट्स बनाने की योजनाओं पर 14 अरब रुपये से ज्यादा फंसे हुए हैं। आठ साल से केडीए लगातार लुभावने ऑफर निकाल रहा है, पर लोग हैं कि आकर्षित नहीं हो रहे हैं। अब केडीए ने एक बार फिर से फ्लैट बेचने के लिए नए सिरे से कोशिश शुरू की है। ईडब्लूएस श्रेणी में 25 फीसदी और एलआईजी और एमआईजी में 50 फीसदी पैसा देकर कब्जा देने की घोषणा की है। वहीं एक-मुश्त रकम जमा करने पर ब्याज में राहत देने की बात कही है।
फ्लैट न बिकने की ये रही वजह
-पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में आबादी से दूर निर्माण
- सन्नाटा, सीवर भराव, मुख्य मार्गों से कनेक्टिविटी नहीं
-किसी भी योजना में शापिंग काम्पलेक्स या सोसायटी नहीं होना
-कूड़ा उठाने वाले समय से नहीं पहुंचते, पेयजल की भी समस्या
-10 वर्षों से खड़े भवनों के शीशे टूट चुके, दीवारों में सीलन
- यातायात सुविधा का अभाव, अपने साधनों से ही पहुंच सकते
योजनाओं में बने फ्लैट बेचने में जो समस्या आ रही है उसको प्राथमिकता पर दूर करने का प्रयास है। इस संबंध में लोगों के सुझाव भी मांगे हैं। इसीलिये दाम भी फिर से फ्रीज किये गये हैं।- मदन सिंह गर्ब्याल, उपाध्यक्ष