शाहजहांपुर : वन विभाग की टीम पर हमले में लकड़ी माफिया सहित दो गिरफ्तार
वर्दी फाड़ने व वाहनों में तोड़फोड़ का आरोप, न्यूनतम वेतन कर्मी ने खुटार थाने में दर्ज कराया केस
खुटार, अमृत विचार। जंगल से लकड़ी कटान के मामले में चल रहे वांछित आरोपी को पकड़ने के लिए घर में दबिश देने गई वन विभाग की टीम पर हमला करने के मामले में न्यूनतम वेतन कर्मी अशोक कुमार बाजपेई ने खुटार थाने में छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। दर्ज रिपोर्ट में मुख्य आरोपी लकड़ी माफिया और उसकी पत्नी, दो पुत्री, पुत्र और बहू के नाम शामिल किए गए हैं। इसके अलावा मंगलवार को वन विभाग की टीम ने पकड़े गए मुख्य आरोपी व दो अन्य को जेल भेज दिया।
खुटार वन रेंज में कार्यरत न्यूनतम वेतन कर्मी अशोक कुमार बाजपेई ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 23 दिसंबर को वह वन विभाग टीम के साथ एक गांव में जंगल से काटकर लाई गई लकड़ी कटान की सूचना पर दबिश देने गए थे। टीम में रेंजर मनोज श्रीवास्तव, वन दरोगा रोहित कुमार पांडेय, अनिल कुमार, भगवान सिंह, संदीप कुमार, दीपक कुमार, न्यूनतम वेतन कर्मी गोविंद प्रसाद, अनिल कुमार मौजूद थे। सूचना मिली थी कि जंगल बीट सेहरामऊ उत्तरी मैलानी वन क्षेत्र 16, 15 व गदनिया वन ब्लॉक चार में रेंज खुटार वन प्रभाग से कोरों की लकड़ी चोरी से काटकर एक खेत में रखी गई है और पांच मामलों में वांछित आरोपी मौजूद है। टीम ने एक आरोपी को दौड़ाकर पकड़ लिया। इस बीच आरोपी ने अपनी पत्नी, दो पुत्री, पुत्र और बहू को बुला लिया। इन लोगों ने टीम को घेरकर हमला करने के साथ ही पिटाई की और बाइक छीनने, वर्दी फाड़ने व चेन, पर्स छीन लिया। साथ ही वाहन तोड़ दिए। वन दरोगा रोहित कुमार पांडेय की भी वर्दी फाड़ दी और फावड़ा से जान से मारने को चला दिया। घटना के बाद वन विभाग की टीम जान बचाकर मौके से भाग निकली। टीम ने इसकी सूचना यूपी 112 डायल पुलिस और खुटार थाने में दी। न्यूनतम वेतन कर्मी अशोक बाजपेई की तरफ से मंगलवार को खुटार थाने में छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें वन विभाग की टीम ने वांछित व मुख्य आरोपी को दबिश देने के दौरान पकड़ लिया था। बाद में उसके दो साथियों को भी पकड़ लिया गया। मंगलवार को वन विभाग ने पकड़े गए तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।
पूछताछ में उगले दो साथियों के नाम, काटा केस
वन विभाग की टीम पर हमला करने वाले मुख्य आरोपी को पकड़ लिया गया था। पूछताछ में उसने बताया था कि उसके दो साथी लकड़ी के मामले में साथ देते हैं। जिन्हें वन विभाग ने पकड़ लिया था। मंगलवार को तीनों को जेल भेज दिया गया है। जबकि न्यूनतम वेतन कर्मी अशोक वाजपेई की तरफ से मुख्य आरोपी और उसके घर के पांच सदस्यों पर खुटार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जबकि वन विभाग की ओर से आरोपी के दो साथियों पर केस काट दिया है।
पुलिस ने आरोपी की पत्नी की तहरीर पर नहीं दर्ज की रिपोर्ट
आरोपी के घर में दबिश देने के टीम ने महिला और उसके पति, पुत्री को पीटकर घायल कर दिया। यह आरोप लगाकर महिला ने खुटार थाने में तहरीर दी थी। इसके बावजूद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। आरोपी की पत्नी ने पुलिस को बताया था कि 23 दिसंबर की दोपहर करीब दो बजे वह और उसका पति, पुत्री घर में बैठे हुए थे। तभी रेंजर मनोज श्रीवास्तव करीब 20 अज्ञात लोगों के साथ घर में घुस आए थे और पति पर अवैध लकड़ी पकड़ने का फर्जी आरोप लगाकर छानबीन करने लगे थे। मना करने पर उक्त सभी ने घर में रखा सारा सामान अस्त व्यस्त कर दिया था और पिटाई कर दी थी और घायल कर दिया था। जबकि रेंजर ने पुत्री से छेड़छाड़ कर कपड़े फाड़ दिए थे। फिर भी कोई कार्यवाई नहीं की गई।
टीम ने दूसरी दी तहरीर, आरोपी का पुत्र और बहू का नाम बढ़ाया
वन विभाग टीम ने दबिश देने के दौरान हमला किया गया था। टीम ने हमला करने वाले मुख्य आरोपी, उसकी पत्नी और पुत्रियों के खिलाफ खुटार थाने में तहरीर दी थी। घटना के बाद करीब 3:30 बजे वन विभाग की टीम थाने पहुंच गई थी। इसके बाद काफी सोच समझने के बाद तहरीर दी गई थी। लेकिन देर रात तक मामला तहरीर बदलवाने और नाम बढ़ाने का सिलसिला जारी रहा। रेंजर ने पहली तहरीर हटा दी और दूसरी तहरीर थाने में फिर से लिखी गई। दूसरी तहरीर में आरोपी, उसकी पत्नी, दो पुत्री के अलावा पुत्र, बहू का नाम भी शामिल कर दिया गया। जबकि पहली तहरीर में चार नाम थे। इसके बाद न्यूनतम वेतन कर्मी अशोक वाजपेई की ओर से रिपोर्ट दर्ज की गई।
पुलिस बोली, आरोपी को छुड़ाने से महिला, पुत्री घायल
आरोपी के घर दबिश देने गई वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया गया। जिसमें तीन वनकर्मी घायल हो गए थे। तो दूसरी ओर महिला ने मारपीट और पुत्री से छेड़छाड़ का आरोप लगाकर पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस ने वन विभाग की तरफ से दी गई तहरीर पर मुख्य आरोपी सहित छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। लेकिन महिला की तहरीर पर जांच की बात कहकर रिपोर्ट दर्ज नहीं की। पुलिस का कहना है कि वन विभाग की टीम दबिश देने गई थी और आरोपी को पकड़ लिया था। लेकिन आरोपी के परिवार के लोग उसे छुड़ाने पहुंच गए। जिस दौरान गिरकर घायल हो गए और मारपीट नहीं की गई। अब सवाल उठता है कि क्या आरोपी के परिवार ने वन विभाग की टीम के साथ मारपीट की। वो भी पांच सदस्यों ने। जबकि रेंजर सहित 21 लोग टीम में मौजूद थे। इसके अलावा आरोपी के परिवार के सदस्य गिरकर घायल हुए तो फिर वन विभाग की तरफ से आरोपी को छोड़कर पांच सदस्यों पर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। ऐसा क्यों? देखा जाए तो पुलिस भी जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रही है।
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