पीएम कुसुम योजना :वित्तीय वर्ष में दो गुना से अधिक का लक्ष्य तय , रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी 

पीएम कुसुम योजना :वित्तीय वर्ष में दो गुना से अधिक का लक्ष्य तय , रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी 

प्रयागराज, अमृत विचार । डबल इंजन की सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती की लागत कम करने के लिए कई तरह से प्रयास कर रही है। किसान सिंचाई के लिए डीजल पंप या बिजली  का उपयोग करते हैं ।   किसानों की सिंचाई की लागत को कम करने के लिए  पीएम कुसुम योजना वरदान साबित हो रही है । प्रयागराज जनपद में इस योजना ने शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया करने के बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भी लक्ष्य तय करने के बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेज हो गई है। 

योजना में जनपद ने हासिल किया शत प्रतिशत लक्ष्य

 कृषि में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देना और डीजल और बिजली पर निर्भरता को कम करने में पीएम कुसुम योजना मददगार साबित हो रही है। प्रयागराज में इस योजना के लिए बड़ी संख्या में किसान आगे आए हैं। प्रयागराज के कृषि उप निदेशक एसपी श्रीवास्तव बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रयागराज में  894 सोलर पंप लगवाने का लक्ष्य तय किया था जिसका सौ फीसदी लक्ष्य हासिल हो चुका है।  जिले में किसानों ने ट्यूबबेल के लिए सौर पैनल लगवाने में गहरी रुचि दिखाई है जिसे देखते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1968 सोलर पम्प लगवाने का लक्ष्य तय किया गया है जो पिछले वर्ष से दो गुना है  ।  उप निदेशक कृषि के मुताबिक इसके लिए पंजीकरण का कार्य भी पूरा हो चुका है।  इन किसानों ने इसके लिए धनराशि भी जमा कर दी है। 

सरकार दे रही है फीसदी सब्सिडी

 सरकार इस योजना के तहत वर्ष 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश के 54,000 से अधिक किसानों को रियायती दरों पर सौर पंप प्रदान करने का लक्ष्य तय किया गया है । पीएम कुसुम योजना  के तहत किसानों को अपने खेतों  पर सोलर पैनल लगाने से सरकार की ओर से 90 फीसदी तक की मदद मिलती है । इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से किसानों को 30% , राज्य सरकार की तरफ से 30 प्रतिशत और अन्य वित्तीय संस्थानों की तरफ से 30% की सब्सिडी दी जाती है । इस तरह योजना में  सिर्फ 10% ही  किसानों को देना होता है ।  

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ये है कि किसानों का बिजली और डीजल का खर्च नहीं होता है और बिजली के ऊपर निर्भरता भी कम होती है । इससे खेती की लागत काफी हद तक कम होती है । इसके लिए किसान को  सरकार की आधिकारिक वेबसाइट  पर जाकर इसका ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं ।

किसान इससे  पैदा होने वाली सौर ऊर्जा बेचकर भी  कमाई कर सकता है। सोलर पंप का उपयोग सिर्फ खेती और सिंचाई में ही नहीं बल्कि बिजली उत्पादन में भी किया जा सकता है ।  इस योजना के जरिए बिजली या डीजल से चलने वाले सिंचाई पंप को सोलर एनर्जी से चलने वाले पंप में बदला जा सकता है। इसके बाद जो भी बिजली बचती है उसे वितरण कंपनियों को बेचा जा सकता है । इस तरह इस योजना से एक तरफ उसकी अतिरिक्त आमदनी हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ डीजल का उसका खर्च भी कम हो रहा है।

यह भी पढ़े- लखनऊ: 100 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं डॉ. सूर्यकान्त, राज्यपाल ने किया सम्मानित