लखनऊः शहर में लगे दो हजार से अधिक भंडारे, बड़ा मंगल पर हनुमान मंदिरों में भक्तों का लगा तांता

लखनऊः शहर में लगे दो हजार से अधिक भंडारे, बड़ा मंगल पर हनुमान मंदिरों में भक्तों का लगा तांता

लखनऊ, अमृत विचारः ज्येष्ठ माह में आने वाले मंगलवार को बड़ा या बुढ़वा मंगल कहते हैं. ज्येष्ठ माह का आज तीसरा बड़ा मंगल है. यह दिन पवनपुत्र बजरंगबली को समर्पित है. मान्यता हैं कि ज्येष्ठ के माह में ही त्रेतायुग में भगवान राम की मुलाकात हनुमान जी से हुई थी. इसलिए इस महीने में आने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। लोगों की माने तो इस दिन हनुमान जी की विधी विधान से पूजा करने से मनोवांछित फल मिल जाता है और हनुमान की पूजा करने से बड़ा से बड़ा संकट मिट जाता है। वहीं शहर में मंदिरों के बाहर भक्तों की कतार लगी हुई है। 

भक्तों की लगी कतार 
बड़ा मंगल शहर वासियों के लिए किसी उत्साह से कम नहीं है। शहर के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की कतार लगी हुई है। सभी भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने में लगे हुए है। इसके अलावा शहर में जगह-जगह पर भंडारे का भी आयोजन किया गया है। शहर में करीब दो हजार भंडारों का आयोजन किया गया है। कहीं पूड़ी सब्जी बंट रही है तो कहीं माइक्रोनी। भगवान के प्रासद को ग्रहण करने लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतार लगी हुई है। 

बड़ा मंगल के शुभ मुहूर्त
सुबह 08.52 - दोपहर 02.05

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विधी विधान से करें पूजा 
इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। हनुमान जी को इस दिन तुलसी दल की माला अर्पित की जाती है। इसके साथ ही हलवा पूरी, लड्डी या फिर किसी भी मीठी चीजों का भोग लगाया जाता है. इसके बाद राम भक्त हनुमान की स्तुति की जाती है। निर्धनों को दान दें, ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और मंगल सम्बन्धी हर समस्या का समाधान भी हो जाता है। इस दिन श्रद्दा अनुसार हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ भी करना चाहिए। वहीं हनुमान जी को लाल रंग का चोला बहुत ही ज्यादा प्रिय है मंदिर जाकर लाल रंग का चोला भी चढ़ा सकतें हैं। 

क्या कहते हैं महंत
पुराने हनुमान जी के मंदिर के महंत गोपाल दास बताते हैं कि नवाबों के समय में यहां एक महामारी आई थी जिसने काफी लोगों को अपनी चपेट में लिया था। उस दौरान नवाबों ने यह मनोकामना मांगी थी की महामारी समाप्त हो जाए तो भंडारा कराएंगे। तभी से भंडारे की शुरुआत हुई। महंत ने बताया कि यहां को हनुमान जी सबसे प्राचीन हैं। मान्याता यहां तक है कि यहां मांगी हुई हर मनोकाम्ना पूरी हो जाती है। लखनऊ के कई नवाब यहां संतान प्राप्ती के लिए मनोकामना मांगते थे। वहीं नवाबों द्वारा ही मंदिर के शिखर पर चांद लगवाया गया था। यहां पर बड़े मंगल लगातार मनाया जाता है। बड़ा मंगल बड़ा पवन पर्व माना जाता है। लखनऊ से ही बड़ा मंगल की शुरूआत हुई थी और तभी से यहां भंडारे की परंपरा बन हई है। 

मांगी मन्नत को करते हैं पूरी
लखनऊ केअलीगंज क्षेत्र में सबसे पुराना हनुमान मंदिर स्थित है। इस प्राचीन मंदिर को लेकर भक्तों में काफी खास श्रृद्दा है। इस हुमान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जब मां सीता को वनवास भेजा गया था तो उन्होंने यही विश्राम किया था। इस दौरान हनुमान जी उनकी सुरक्षा में थे जबकि लक्ष्मण जी अपने टीले वाले महल में चले गए थे।  बाद में इस मंदिर का निर्माण अवध के छठव नवाब शहादत अली खान की मां आलिया बेगम ने कराया था। यह भी कहा जाता है कि आलिया बेगम के सपने में हनुमान जी ने दर्शन दिए और कहा कि इस बाग में उनकी एक मूर्ति है। यह जान उन्होंने खुदाई कराई तो जमीन में कुछ गज नीचे ही हनुमान जी की प्रतिमा मिली. वहीं कई लोगों की मान्याता यह भी है कि हनुमान जी की प्रतिमा को जब हाथी के ऊपर रखकर ले जाया जा रहा था, जिससे इमामबाड़ा के पास हनुमान मंदिर का निर्माण कराकर उसमें प्रतिमा स्थापित कराई जा सके, लेकिन हाथी जब अलिगंज क्षेत्र जहां अभी हनुमान मंदिर है वहां पहुंचा तो प्रतिमा लेकर उसे आगे ना जा सका। ऐसे में मंदिर का निर्माण इसी स्थान पर कराया गया। इस मंदिर के शिखर पर आज भी चंद का चिन्ह लगा हुआ है।

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