सुलतानपुर: नए शासनादेश के खिलाफ प्रधानों में आक्रोश, पहुंचे कलेक्ट्रेट, भूख हड़ताल की दी चेतावनी

जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन, शासनादेश वापस न हुआ तो भूख हड़ताल की चेतावनी

सुलतानपुर: नए शासनादेश के खिलाफ प्रधानों में आक्रोश, पहुंचे कलेक्ट्रेट, भूख हड़ताल की दी चेतावनी

सुलतानपुर, अमृत विचार। पंचायती राज विभाग के एक शासनादेश ने प्रधानों की मुश्किल बढ़ा दी है। शासनादेश में पंचायत सहायक को भुगतान की जिम्मेदारी सौंप दी गई हैं। जिससे जिले के प्रधानों में आक्रोश है। शुक्रवार को दर्जनों की संख्या में प्रधान कलेक्ट्रेट पहुंच गए। यहां पर सीएम को संबोधित एक ज्ञापन प्रधानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने सिटी मजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार को सौंपा है। शासनादेश में बदलाव न किए जाने की स्थिति में भूख हड़ताल की चेतावनी दी गई है। 

शुक्रवार को जिले के प्रधान व प्रधान प्रतिनिध तिकोनिया पार्क में बैठक कर पंचायती राज विभाग के शासनादेश का विरोध किया। इसके बाद बाद सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को देने कलेक्ट्रेट पहुंच गए। डीएम कृत्तिका ज्योत्स्ना की न मौजूदगी में सिटी मजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार ने प्रधानों का ज्ञापन लिया। प्रधानों का आरोप है जिन पंचायत सहायकों को भुगतान के लिए अधिकृत किया जा रहा है वह संविदा पर नियुक्त है। जिनका कार्यकाल एक साल से तीन साल तक का ही है। ऐसे में भुगतान के लिए उन्हें अधिकृत किया जाना न्याय संगत नहीं है। जबकि, पहले भुगतान प्रधान व ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा किया जाता था।

ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत से निर्वाचित तो सचिव सरकारी कर्मचारी होता है। दोनों महत्वपूर्ण व्यक्तियों के होते हुए ग्राम पंचायत के भुगतान में पंचायत सहायक जो कि संविदा पर एक नियत अवधि के लिए होता है, उसको शामिल करना प्रधानों के सम्मान को ठेस पहुंचाना है। साथ ही पंचायती राज अधिनियम के तहत प्रधानों का हनन करना है। प्रधानों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि जारी शासनादेश बदला जाए, अन्यथा हम प्रधान सभी भुगतान पर रोक लगाते हुए अनिश्चितकालीन धरने के लिए बाध्य होंगे, इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

कौन बने हैं पंचायत सहायक 

ग्राम पंचायत के प्रधानों के चुनाव के बाद सभी ग्राम पंचायत में एक पंचायत सहायक की नियुक्ति की गई थी। पंचायत सहायकों की नियुक्ति ग्राम प्रधान की सीट के आधार पर इंटरमिडियट की मैरिट के आधार पर की गई थी। जिनकी नियुक्ति संविदा पर मानदेय के साथ एक निश्चित अवधि न्यूनतम एक से अधिकतम तीन साल तक के लिए की गई थी। पहले इनका कार्य ग्राम पंचायतांे में बने मिनी सचिवालय में कंप्यूटर पर कार्य करने के लिए की गई थी। प्रधानों ने बताया कि अधिकतर पंचायत सहायक को कंप्यूटर का भी ज्ञान नहीं है।

क्या है पंचायती राज का शासनादेश

पंचायती राज निदेशक अटल कुमार राय ने शासनादेश जारी कर सभी डीपीआरओ को निर्देशित किया था कि ग्राम पंचायत के सभी भुगतान पंचायत के कंप्यूटर से किया जाय। साथ ही ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर योजनाओं को अपलोड कर वर्क आईडी जनरेट कर ही भुगतान किए जाय। पोर्टल पर नवीन फंक्शन अपडेट हुए है, जिससे बाउचर बनाते समय सभी डिटेल डिटेल स्वतः अपडेट हो जायेगी।

पंचायत सहायक के एप पर आनलाइन उपस्थिति, जियो टैगिंग व पंचायत सहायक के चेहरे से रजिस्टर्ड कर उसके पंजीकृत मोबाइल से सभी भुगतान ग्राम पंचायत के कंप्यूटर से किए जायंेगे। सभी डीपीआरओ को निर्देशित किया गया था कि पंचायतों के कंप्यूटर में पंचायत गेटवे पोर्टल अपडेट कर भुगतान किया जाय। इसका जल्द ही प्रक्षिक्षण सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा दिया जायेगा।

ये भी पढ़ें -अहंकारी की निश्चित होती है हार, बोले शिवपाल-अखिलेश के नेतृत्व में खींची बड़ी लकीर

ताजा समाचार

JEE Main Exam: कल से शुरू होंगे जेईई मेन सेशन-2 के एग्जाम, जान लें जरूरी गाइडलाइन
गुजरात: पटाखा गोदाम में आग का तांडव, 18 मजदूरों की जलकर मौत...CM ने किया मुआवजे का ऐलान
Bareilly News | बरेली में ईद की रात बवाल.. दो समुदाय में मारपीट-पथराव, चले लाठी-डंडे और फायरिंग
VIDEO : इंतजार खत्म! फिल्म ‘अबीर गुलाल’ का टीजर रिलीज, एक-दूसरे के प्यार में डूबे नजर आए वाणी कपूर और फवाद खान  
शाहजहांपुर: राणा सांगा के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी के विरोध में प्रदर्शन, सदस्यता रद्द करने की मांग
अयोध्या : फटे कपड़े पहन रामलला से न्याय मांगने पहुंचे विधायक, कलश यात्रा के दौरान एक पुलिस अधिकारी पर लगाया बदसुलूकी के आरोप