Vat Savitri Vrat: वट वृक्ष की पूजा कर की पति की लंबी आयु की कामना

बाराबंकी, अमृत विचार। वट सावित्री व्रत के चलते गुरुवार को सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखते हुए बरगद पेड़ की पूजा की और आशीर्वाद लिया। बताया जाता है कि यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावित्री नाम की महिला ने अपने सुहाग यानि पति के प्राणों की रक्षा के लिए वट वृक्ष के नीचे यमराज की पूजा की, जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने सत्यवान की आयु बढ़ा दी। सुहागन स्त्रियां सावित्री की तरह वटवृक्ष के नीचे पूजा करती हैं और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
हिंदू धर्म में महिलाएं पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य की कामना में कई व्रत रखती हैं। इनमें एक प्रमुख व्रत है वट सावित्री का व्रत। यह व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रखा जाता है। इस वर्ष यह व्रत गुरुवार को था। इस दिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखकर बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं।
महिलाएं देवी सावित्री के पति प्रेम और पतिव्रत धर्म को स्मरण कर अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना करती हैं। वट सावित्री व्रत सती सावित्री से जुड़ा है। सावित्री की कथा के अनुसार देवी सावित्री ने पति के प्राणों की रक्षा के लिए विधि के विधान को बदल दिया था। अपने सतीत्व और कठोर तपस्या से सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाने पर विवश कर दिया था। यमराज ने वटवृक्ष के नीचे ही सत्यवान के प्राण लौटाए थे और वरदान भी दिया था कि जो सुहागिनें वटवृक्ष की पूजा करेंगी, उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलेगा।
पर्व को लेकर सुबह से ही सुहागिनों ने पूजा के लिए व्यंजन बनाया और सजधज कर महिलाओं के झुंड के साथ बरगद के पेड़ पर जाकर विधि-विधान से पूजा अर्चना की इसके बाद व्रत तोड़ा। इस पर्व को लेकर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में लगे वर्षों पुराने बरगद के पेड़ के आसपास सुहागिनों की भीड़ दिखाई दी। शहर समेत रामनगर, फतेहपुर, सिरौलीगौसपुर, हैदरगढ़ और रामसनेहीघाट क्षेत्रों में भी सुूहागिनों ने पति की लंबी आयु के लिए बरगद पेड़ की पूजा अर्चना की।
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