प्रयागराज: सुहागिनों ने की वट सावित्री की पूजा, पति की दीर्घायु की कामना के लिए महिलाओं ने रखा व्रत

प्रयागराज: सुहागिनों ने की वट सावित्री की पूजा, पति की दीर्घायु की कामना के लिए महिलाओं ने रखा व्रत

प्रयागराज, अमृत विचार। वट सावित्री का व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। इस पूजा के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती है। महिलाएं वट वृक्ष के नीचे बैठकर पूूजा करती है। ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखने की परम्परा है।

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गुरुवार को वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिनों ने गंगा स्नान किया। इसके बाद वट वृक्ष की पूजा की। पति की लंबी उम्र के लिए वट वृक्ष के कच्चे सूत के धागों से फेरे भी लिए। मान्यताओं के अनुसार यह वट सावित्री का व्रत करवा चौथ की तरह ही है। इस व्रत बड़ा कुछ सुहागिनों निर्जला उपवास रखती है और शाम को जल से व्रत का पारण करती है। वट सावित्री व्रत के दिन अगर शुभ मुहूर्त पर वट वृक्ष की पूजा करती है तो वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास बना रहता है। 

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व्रत की पौराणिक मान्यता

इस व्रत की पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति की आयु लम्बी होने के साथ जीवन रोगमुक्त हो जाता है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वट सावित्री व्रत पर सुहागिनें  अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखकर वट वृक्ष करती है और की  कथा का श्रवण भी करती है।

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