श्रावस्ती में धार्मिक ध्रुवीकरण पर भारी पड़ा जातीय समीकरण, भाजपा को लगा झटका 

श्रावस्ती में धार्मिक ध्रुवीकरण पर भारी पड़ा जातीय समीकरण, भाजपा को लगा झटका 

लालजी सिंह/बलरामपुर, अमृत विचार। एनडीए तथा इंडिया गठबंधन की सीधी लड़ाई में श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने जातीय समीकरण के आगे धार्मिक ध्रुवीकरण को नकार दिया। इस लोकसभा क्षेत्र में लगातार दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी को धीरे से जोर का झटका लगा है  इसके पीछे कई कारण दिखाई दे रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि प्रत्याशी पार्टी के लोगों के चलते भितरघात का शिकार हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि सीधी लड़ाई में सपा प्रत्याशी के जातीय समीकरण ने भाजपा के धार्मिक ध्रुवीकरण को पछाड़ दिया है। विदित हो कि श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी राम मंदिर निर्माण तीर्थ परिषद के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा को पार्टी की पहली ही प्रत्याशियों की सूची में टिकट देकर श्रावस्ती से उम्मीदवार बनाया । इनको टिकट मिलते ही रेस में शामिल पूर्व सांसद दद्दन मिश्रा और उनके समर्थक नाराज हो गए थे।

साकेत मिश्रा मूलतः देवरिया जनपद के निवासी हैं। बहराइच जनपद में उनका ननिहाल है। वह वर्तमान में एमएलसी है। पिछले 5 साल से वह क्षेत्र में सक्रिय रहकर समाज सेवा कर रहे हैं।चुनाव के दौरान उन्होंने कई बार कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे ननिहाल के लोगों की सेवा करने का अवसर मिला है। यदि मुझे जीत मिलती है तो मैं क्षेत्र के पिछड़ेपन का दाग दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा ।वहीं दूसरी तरफ वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा बसपा गठबंधन के चलते जनपद अंबेडकर नगर के निवासी राम शिरोमणि वर्मा ने श्रावस्ती सीट मात्र 5320 वोटो से जीत कर बसपा की झोली में डाल दिया था। 

वर्तमान लोकसभा चुनाव के पहले बसपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया ।वह हाथी से उतरकर साइकिल पर सवार हो गए और पार्टी ने उन्हें इंडिया गठबंधन के तहत श्रावस्ती सीट से सपा का उम्मीदवार बना दिया ।इसी बीच पूर्व विधायक व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू ने नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के 48 घंटे पूर्व सपा का टिकट लेकर हड़कंप मचा दिया था। नामांकन के आखिरी दिन पार्टी ने एक बार फिर राम शिरोमणि वर्मा पर भरोसा जताते हुए उन्हें फाइनल उम्मीदवार बनाया। चुनाव प्रचार के दौरान राम शिरामणि ने समाजवादी पार्टी के पीडीए फार्मूले को अपनाया और अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ दिन-रात क्षेत्र में जुटे रहे।

उनकी सक्रियता का परिणाम यह रहा की मतगणना के दिन पहले चक्र से उन्होंने जो बढ़त हासिल की वह अंत तक कायम रही। श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा क्षेत्रों में केवल बलरामपुर सदर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी को एक दो राउंड में मामूली बढ़त मिली। बाकी चार विधानसभा क्षेत्र में सपा प्रत्याशी ने लगातार बढ़त बनाए रखी और सम्मानजनक मतों से जीत हासिल की।

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