सुलतानपुर: तीन सगे भाइयों सहित चार दोषियों को तीन साल कैद, 16 साल पहले हुई थी घटना 

सुलतानपुर: तीन सगे भाइयों सहित चार दोषियों को तीन साल कैद, 16 साल पहले हुई थी घटना 

सुलतानपुर, अमृत विचार। कुड़वार थाना क्षेत्र के धरावां में प्राण घातक चोट पहुंचाने वाले तीन सगे भाइयों समेत चार दोषियों को न्यायाधीश जलाल मोहम्मद अकबर ने सोमवार को तीन  साल कैद व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।  घटना 16 साल पहले कुड़वार थाने के धरावां गांव में हुई थी। वही इस मामले के क्रॉस केस में सारे आरोपित बरी कर दिए गए है।

सहायक शासकीय अधिवक्ता विजय शंकर शुक्ल ने बताया कि 18 जुलाई 2008 को सुबह आठ बजे रसीद अहमद अपने बेटों के साथ खेत में घास निकाल रहे थे। उसी गांव के एजाज अहमद, उनके भाई कफील व सुहेल तथा ममेरे भाई जमील ने लाठी व कुदाल से सबको मारा। जिससे रसीद, हफीज, अनीस व इश्तियाक को चोट लगी। गंभीर रूप से घायल इश्तियाक को सीधे कुड़वार अस्पताल लें जाया गया। जहां से पहले जिला अस्पताल फिर मेडिकल कॉलेज में इलाज हुआ। पुलिस ने रसीद के प्रार्थना पत्र पर एनसीआर लिखा और तीन दिन बाद जमील कि तरफ से भी रसीद व उनके बेटों मुन्ना, अनीस व इश्तीयाक के विरुद्ध एनसीआर लिख लिया। मेडिकल कॉलेज में हुए इलाज के आधार पर एसपी के आदेश से रसीद के मुकदमे प्राण घातक चोटों की धारा बढ़ाई गई, लेकिन दोनों मामलों में विवेचक ने हल्की धारा में आरोप पत्र न्यायालय भेज दिया। 

अभियोगी के निजी अधिवक्ता जीतेन्द्र श्रीवास्तव ने आपत्ति किया तो मजिस्ट्रेट ने प्राण घातक धाराओं में संज्ञान लिया जो उच्च न्यायालय तक सही ठहराया गया। मुकदमा चला तो अभियोजन की ओर से सात गवाह परीक्षित कराये गए। दोनों पक्ष की बहस सुनने व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने एजाज कफील सुहेल व जमील को दोषी ठहराया और उच्च न्यायालय में अपील दायर करने तक जमानत पर रिहा कर दिया है।

पुलिस रिमांड प्रार्थनापत्र निरस्त 
किशोरी को बरामद करने के लिए आरोपित को अभिरक्षा में लेने के लिए पुलिस द्वारा दिया गया प्रार्थनापत्र मजिस्ट्रेट अविनाश चंद्र गौतम ने निरस्त कर दिया। अमेठी में जगदीशपुर कोतवाली के एक गांव की बालिका 5 अप्रैल 24 की रात गायब हो गई।शक के आधार पर  पुलिस ने नामजद आरोपी नरेंद्र निषाद को 25 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया फिर मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रार्थनापत्र दिया कि 27 मई को जेल में  दोबारा दिए बयान में बालिका को बरामद कराने की बात कही है। विवेचक के प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए उनके अधिवक्ता जीतेन्द्र श्रीवास्तव ने बहस किया कि पुलिस के बयान में यह नहीं लिखा कि बालिका को कहा से बरामद होना है यह भी कि आरोपी ने कोई बयान नहीं दिया है।  मजिस्ट्रेट ने पुलिस का रिमांड प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया।

ये भी पढ़ें -सपा ने एग्जिट पोल पर उठाए सवाल, कहा-हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में सीट से अधिक बता रहे जीत

ताजा समाचार

इंटर टेक्निकल यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स फेस्ट आज से शुरू, लगभग 2,300 प्रतिभागियों लेंगे भाग
कानपुर में बुजुर्ग महिला को डीजल डालकर जिंदा जलाने का किया प्रयास...पुलिस ने तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर शुरू की जांच
VIDEO : अमेरिका में बोलीं निर्मला सीतारमण- 'चार ‘आई’ करेंगे विकसित भारत के सपने को साकार
Kanpur Murder: दिव्यांग की सिर कुचल कर हत्या...खेत में मिला रक्तरंजित शव, पुलिस व फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य
बरेली गोलीकांड: विवादित प्लॉट पर फिर कब्जा करने की कोशिश?, SSP ने भेजी पुलिस
पन्नू की हत्या की साजिश की भारतीय जांच के नतीजों पर 'सार्थक जवाबदेही' चाहता है अमेरिका