नैनीताल: उत्तराखंड में पाई जाने वाली बद्री गाय के क्लोन की तैयारी

नैनीताल: उत्तराखंड में पाई जाने वाली बद्री गाय के क्लोन की तैयारी

गौरव जोशी, नैनीताल, अमृत विचार। दुनिया में सबसे अधिक पौष्टिक एवं निरोग दूध देने वाली उत्तराखंड की बद्री गाय को दुधारू बनाने की कवायद की जा रही है। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति वैज्ञानिक डॉ. मनमोहन सिंह चौहान की टीम ने इस पर रिसर्च के बाद कार्य शुरू कर दिया है। जल्द ही वैज्ञानिकों की टीम बद्री गाय की क्लोनिंग शुरू कर देगी।

इसके लिए पहले चरण में उत्तराखंड बायोटेक्नोलॉजी काउंसिल की ओर से 70 लाख का बजट भी जारी कर दिया गया है। अब पहाड़ की गाय गुणवत्ता बनाए रखने के साथ ही पांच लीटर से अधिक दूध देगी।

कुलपति डॉ. चौहान ने बताया उन्होंने क्लोनिंग में इससे पूर्व भी कई परीक्षण किए जो सफल साबित हुए। अब उन्होंने उत्तराखंड की बद्री गाय को दुधारू बनाने की योजना बनाई है। कहा, प्रदेश में दुधारू किस्म के पशु काफी कम हैं, इनकी संख्या बढ़ाने को वैज्ञानिकों की टीम ने उनके साथ जुड़कर प्रयोग शुरू किया है।

डॉ. चौहान के अनुसार जल्द ही बद्री गाय की क्लोनिंग बन कर तैयार हो जाएगा। राज्य सरकार से पहले चरण में 70 लाख रुपये का बजट मिल चुका है। विश्वविद्यालय ने गाय के क्लोन बनाने पर 80 प्रतिशत से अधिक अध्ययन कर लिया है। जल्द ही अध्ययन पूरा का गाय का क्लोन बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा।

राज्यपाल ने की पंत विवि की सरहाना 
बद्री गाय के क्लोन निर्माण मामले पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। साथ ही बताया डॉ. मनमोहन सिंह चौहान क्लोन निर्माण मामले में देश के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक हैं।

किसे कहते है क्लोनिंग...
वरिष्ठ वैज्ञानिक कुलपति डॉ. चौहान के अनुसार किसी भी पशु की क्लीनिंग के लिए उसके कान का एक छोटा सा टुकड़ा लिया जाता है। जिसके डीएनए से भ्रूण बनाया जाता है। उससे संबंधित पशु के नवजात को तैयार किया जाता है। क्लोनिंग कर नर व मादा दोनों ही बनाए जा सकते हैं।

देश की पहली क्लोन मादा बछड़ा का उत्पादन किया
कुलपति डॉ. चौहान पिछले 16 वर्ष से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इससे पूर्व उन्होंने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल में देशी नस्ल की गिर से गंगा गाय का क्लोन बनाया। जो कि प्रतिदिन 15 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन कर सकता है। साहिवाल जैसी स्वदेशी गाय की नस्लों की क्लोनिंग पर काम कर भारत की पहली क्लोनिंग मादा बछड़ा का जन्म हुआ, जिसका वजन 32 किलोग्राम था और यह सफल साबित हुआ है। उन्होंने भैंस पर भी क्लोनिंग का फॉर्मूला लागू कर करनाल में 27 ऐसी भैंस तैयार की गई।

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