बरेली: पशु चिकित्सा जैविकों के गुणवत्ता नियंत्रण को नोडल एजेंसी की तरह काम कर रहा IVRI

बरेली: पशु चिकित्सा जैविकों के गुणवत्ता नियंत्रण को नोडल एजेंसी की तरह काम कर रहा IVRI

बरेली, अमृत विचार। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में शुक्रवार को अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास के साथ स्थानांतरण में सहयोग की संभावना पर विस्तृत चर्चा की गई। निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि हेस्टर बायोसाइंसेज लिमिटेड ने आईवीआरआई से आठ वैक्सीन प्रौद्योगिकियों में पीपीआर वैक्सीन, बकरी पॉक्स वैक्सीन, भेड़ पॉक्स वैक्सीन, सीएसएफ वैक्सीन, ब्रुसेला वैक्सीन, एलएसडी वैक्सीन, आईबीडी वैक्सीन और पीपीआर-बकरी पॉक्स संयुक्त वैक्सीन ली है। इन टीकों का निर्माण और उपयोग पशु टीकाकरण के लिए किया जा रहा है। 

आईवीआरआई टीके का विकास राष्ट्रीय पशु रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कर रहा है। बताया कि आईवीआरआई एक नोडल एजेंसी के रूप में पशु चिकित्सा जैविकों के गुणवत्ता नियंत्रण और परीक्षण में भी शामिल है। हेस्टर बायोसाइंसेज गुजरात के सीईओ डॉ. राजीव गांधी ने बताया कि देश में वैक्सीन निर्माण में अग्रणी होने के नाते, उनका उद्देश्य हमेशा भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना और पशुधन और पोल्ट्री मालिकों के लिए इसे किफायती कीमतों पर बाजार में पहुंचाना रहा है। 

हेस्टर बायोसाइंसेज की कार्यकारी निदेशक प्रिया गांधी, अनुसंधान एवं विकास प्रमुख डॉ. राजेंद्र लिंगाला, संयुक्त निदेशक डा. एसके मेंदीरत्ता, डा. रूपसी तिवारी, डा. एसके सिंह, डा. पल्लब चौधरी (बेंगलुरु), डॉ. वाईपीएस मलिक (मुक्तेश्वर) मौजूद रहे। संचालन डॉ. समीर श्रीवास्तव ने किया। डॉ. अनुज चौहान ने आभार व्यक्त किया।

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