बरेली: श्रीराम की आज्ञा पाकर लक्ष्मण ने किया राक्षसों का वध

अमृत विचार, बरेली। श्रीरानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति की ओर से आयोजित रामलीला में सोमवार को शरभंग ऋषि के आश्रम में प्रवेश, श्रीराम द्वारा राक्षस वध प्रतिज्ञा, सुतीक्ष्ण व अगस्त मुनि मिलन, श्रीराम का दंडवन प्रवेश, जटायु मिलन, पंचवटी निवास का मंचन किया गया। लीला के दौरान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास काल में ऋषि …
अमृत विचार, बरेली। श्रीरानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति की ओर से आयोजित रामलीला में सोमवार को शरभंग ऋषि के आश्रम में प्रवेश, श्रीराम द्वारा राक्षस वध प्रतिज्ञा, सुतीक्ष्ण व अगस्त मुनि मिलन, श्रीराम का दंडवन प्रवेश, जटायु मिलन, पंचवटी निवास का मंचन किया गया। लीला के दौरान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास काल में ऋषि अत्रि, ऋषि सुतीक्ष्ण, ऋषि अगस्त्य, ऋषि वाल्मीकि का दर्शन करके जंगल की ओर प्रस्थान करते हैं।
विराध राक्षस उनके रास्ते को रोकने के लिए हाथ बढ़ाता है। बड़े भाई श्रीराम का आदेश पाकर लक्ष्मण अपने तेज धार तलवार से उसके हाथों को काटते हुए वध कर देते हैं। इसके बाद जंगल झाड़ियों, पहाड़ों व नदियों को पार करते हुए श्रीराम सरभंग मुनि के आश्रम पर पहुंचते हैं। ऋषि शरभंग भगवान की तपस्या में लीन थे। श्रीराम मुनि को समाधि तोड़ने का आग्रह करते हैं। शरभंग मुनि श्रीराम की मधुर वाणी को सुनकर उनके चरणों में लिपट जाते हैं। श्रीराम ऋषि शरभंग मुनि के भक्तियुक्त वाणी को सुनकर उन्हें अपने धाम भेज देते हैं।
इसके बाद जटायु से भगवान राम का मिलन होता हैं। जिसमें जटायु अपने आप को धन्य समझते हैं। समिति के अध्यक्ष रामगोपाल मिश्रा ने कहा कि यह रामलीला कोरोना की गाइडलाइन के मुताबिक की जा रही है। इस मौके पर प्रभु नारायण तिवारी, डीके वाजपेयी, अमित अवस्थी, धीरेंद्र शुक्ला, कृष्ण चंद्र दीक्षित, ब्रजेश प्रताप सिंह, रजनीश वाजपेयी, मुनीष मिश्रा, शिव नारायण दीक्षित, सत्य प्रकाश सत्यम, कृष्ण दीक्षित, आदित्य मिश्रा आदि रहे।