राजकोट गेमिंग जोन हादसे में बड़ा एक्शन, नगर निगम अधिकारियों और पुलिस अफसरों सहित 6 सस्पेंड
अहमदाबाद। राजकोट गेमिंग जोन हादसे को लेकर गुजरात सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। इस मामले में प्रशासन ने छह अधिकारियों को सस्पेंड किया है। बता दें कि गुजरात में राजकोट TRP गेमिंग जोन में आग लगने से अब तक 28 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 12 बच्चे हैं।
जानकारी के मुताबिक, राजकोट नगर निगम, पुलिस विभाग और सड़क एवं निर्माण विभाग के अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को राजकोट गेम जोन दुर्घटना स्थल पर जाकर निजी तौर पर निरीक्षण किया। इस गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बाद ही राज्य सरकार ने छह अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का आदेश दिया।
गुजरात सरकार ने सोमवार को राजकोट स्थित ‘गेम जोन’ में लगी आग के मामले में छह अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया। ‘गेम जोन’ में शनिवार शाम लगी भीषण आग में चार बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य लोग झुलस गए। एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन अधिकारियों को ‘‘आवश्यक स्वीकृति के बिना इस ‘गेम जोन’ को संचालित करने की अनुमति देकर घोर लापरवाही बरतने का’’ जिम्मेदार ठहराया गया है।
संबंधित विभागों द्वारा पारित आदेशों के अनुसार, जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के नगर नियोजन विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, आरएमसी के सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, राजकोट सड़क एवं भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एम आर सुमा एवं पारस कोठिया और पुलिस निरीक्षक वी आर पटेल और एन आई राठौड़ शामिल हैं। जिस ‘गेम जोन’ में शनिवार को आग लगी थी, वह आग सुरक्षा संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र के बिना संचालित किया जा रहा था।
राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ ‘गेम जोन’ को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी। उसने आग सुरक्षा एनओसी प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था।
एनओसी मिलने की प्रक्रिया जारी थी और अभी पूरी नहीं हुई थी।’’ सरकार ने छह अधिकारियों को निलंबित करने की कार्रवाई ऐसे समय में की है जब मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने शनिवार को उस जगह का निरीक्षण किया था जहां आग लगी थी। उन्होंने संबंधित विभागों को ऐसी गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त और दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
‘गेम जोन’ में आग लगने से 27 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने इसके छह साझेदारों और एक अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘गेम जोन’ में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टया ‘‘मानव निर्मित आपदा’’ बताया।
पीठ ने कहा कि ‘गेम जोन’ में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री को रखा गया था। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है और प्रत्येक मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने भी प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
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