बरेली: राम-भरत मिलाप ने लोगों को किया मंत्रमुग्ध

बरेली, अमृत विचार। श्री रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति की ओर से आयोजित रामलीला में रविवार को राम-भरत मिलाप, भारद्वाज मुनि संवाद, अत्रि मिलन, सीता अनुसइया मिलन व केवट प्रसंग का मंचन किया गया। भगवान श्री राम सरयू नदी किनारे खड़े केवट से नदिया पार करने के लिए नाव में बिठाने का आग्रह करने लगे। …
बरेली, अमृत विचार। श्री रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति की ओर से आयोजित रामलीला में रविवार को राम-भरत मिलाप, भारद्वाज मुनि संवाद, अत्रि मिलन, सीता अनुसइया मिलन व केवट प्रसंग का मंचन किया गया। भगवान श्री राम सरयू नदी किनारे खड़े केवट से नदिया पार करने के लिए नाव में बिठाने का आग्रह करने लगे। केवट आगे नहीं जा रहा था तो श्रीराम कहने लगे कि हमें गंगा पार करा दो और हमें आगे जाने दो।
केवट प्रभु श्री राम के पास आया और बोला कि आप कौन हैं? कहां से हैं और कहां जा रहे हैं? अपना परिचय दें। प्रभु श्री राम ने केवट को अपना परिचय दिया तो केवट वहां से भागकर दूर हो गया और कहा कि आप वही राम हैं जिनके छूते ही पत्थर की शिला आसमान में उड़ गई। मेरी नाव काठ की है, यह तो छूमंतर हो जाएगी। मैं आपको नदी पार नहीं करा सकता।
प्रभु ने कहा कि केवट ऐसा कोई उपाय है जिससे तुम हमें नदी पार करा दो तो केवट ने कहा कि पहले अपने चरण धुलवाओ। चरण धोने के बाद केवट ने नदी पार कराई। नाव हिचकोले लेने लगी तो केवट ने गीत गाया कि मेरी नैया में सीता-राम नदिया धीरे बहो…। नदी पार करने के बाद प्रभु श्री राम ने सीता की अंगूठी केवट को नाव उतराई के तौर पर दी। केवट कहने लगा कि हे प्रभु आप यह क्या कर रहे हैं। जब मैं आपके धाम पर आऊं तो मुझे पार लगा देना। इतना सुनकर केवट को प्रभु श्रीराम ने अपने गले लगा लिया।
वहीं, रामलीला में भरत ने राम से अयोध्या वापस चलकर राज गद्दी पर बैठने तथा राज काज का संभालने का आग्रह किया। भरत के बार बार कहने पर भगवान राम ने अपनी चरण पादुका भरत को सौंपी। भरत ने भगवान राम की चरण पादुकाएं अयोध्या वापस आकर राजगद्दी पर रख दीं। राम-भरत मिलाप देख दर्शक भाव विभोर हो गए। मंचन देखकर रामलीला देखने आये श्रद्धालु भाव विभोर हो गये।
समिति के अध्यक्ष रामगोपाल मिश्रा ने कहा कि यह रामलीला कोरोना की गाइडलाइन के मुताबिक की जा रही है। इस मौके पर प्रभु नारायण तिवारी, डीके वाजपेयी, अमित अवस्थी, धीरेंद्र शुक्ला, कृष्ण चंद्र दीक्षित, ब्रजेश प्रताप सिंह, रजनीश वाजपेयी, मुनीष मिश्रा, शिव नारायण दीक्षित, सत्य प्रकाश सत्यम, कृष्ण दीक्षित, आदित्य मिश्रा आदि रहे।