हल्द्वानी: Mother's Day पर आपके द्वारा भेजी गईं भावनाओं की एक झलक
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हल्द्वानी, अमृत विचार। मई महीने के दूसरे रविवार को Mother’s Day मनाया जाता है। और इस साल ये खास दिन आज यानी 12 तारीख को मनाया जा रहा है। वैसे तो मां के लिए कोई भी एक दिन काफी नहीं है और ना ही किसी भी भाषा में, किसी भी शब्द और किसी भी तरीके से मां के प्यार का या अपने बच्चे के लिए उसके बलिदान शुक्रिया अदा किया जा सकता है। लेकिन मां के प्रति अपनी भवनाओं को व्यक्त किया जा सकता है और इसी क्रम में हमारे कुछ पाठकों ने कुछ संदेश भेजे हैं जिन्हें हम आपसे साझा कर रहे हैं...
हल्द्वानी कमुलवागांंजा निवासी उदिता और काव्यांश अधिकारी ने अपनी मम्मी रेनू के लिए लिखा है कि , हम दोंनों मम्मी कि मार खाने को जानबूझकर शैतानी करते हैं क्योंकि जब तक मार न खा लें और मम्मी को थोड़ा गुस्सा न दिला लें तब तक खाना नहीं पचता...मम्मी की मार बड़ी शानदार....! हां भाई आप दोनों बच्चे भी बड़े ईमानदार...
इनसे मिलिए ये हैं मुक्तेश्वर निवासी शार्दुल एंड पुन्नू अपनी मम्मी तनुजा बोरा के साथ इन्होंने लिखा है कि “Mothers hold their children's hands for a short while, but their hearts forever. और हां ये भी लिखा है कि मॉम के हाथ का टिफिन शेयर करने का मन ही नहीं करता..
ये फोटो हमें भेजी है हुमा और उजमा ने.. ये दोंनों जुडवा बहने हैं..साथ में हैं मम्मी और भाई-भाभी और ये कर रहें हैं पार्टी...लिखते हैं कि मम्मी में पूरा संसार है और हमारे हर दर्द की जादुई दवा है..इसलिस मम्मी always Rocks...
आप हैं हल्द्वानी शीशमहल निवासी तनुजा जोशी और साथ में हैं माता स्व.श्रीमती चंद्रकांता जोशी जी जो अब इनके साथ तो इस धरा पर नहीं हैं लेकिन मां को याद करते हुए वे कहती हैं कि मां की कमी सारी जिंदगी महसूस होगी पर जब भी मुश्किल हालात आते हैं तो ऐसा लगता है मानो मां दूसरी दुनिया से भी मदद करने आ ही जाती हैं..
ये हैं कविता शुक्ला जो मसूरी में रहती हैं और अपनी माता जी के लिए कुछ पंक्तियां लिख रहीं हैं कि - जिंदगी की पहली टीचर होती है मां, जिंदगी की पहली दोस्त होती है मां, जिंदगी भी मां क्योंकि, जिंदगी देने वाली भी होती है मां।
ये लिटिल मास्टर हैं हल्द्वानी के शखावत गंज निवासी अवनी..जो अपनी मम्मी निधि गोयल के लिए लिख रही हैं कि मेरी मम्मी मेरी स्वीट कैंडी हैं और मेरा सारा होमवर्क करती हैं ..और मैं उनके बिना कहीं नहीं जाती और न मैं उन्हें कभी छोड़ कर कहीं जाऊंगी।
क्योंकि सास भी मां होती है...इसलिए रामपुर रोड चांदनी चौक निवासी उषा नेगी अपनी सासू मां नीमा नेगी के लिए लिख रहीं हैं कि मेरी सासू मां ने मुझे कभी एहसास ही नहीं होने दिया कि मैं अपना घर छोड़ ससुराल आई हूं..आज मेरी खुद को दो बेटियां हैं और यही दुआ है कि जब उनकी शादी हो उन्हें भी मेरी सासू मां की तरह सास मिले..आप हैं मैडम मायरा और साथ में हैं आपकी मम्मी ज्योति जो कि रामपुर रोड हल्द्वानी के निवासी हैं...इनका संदेश कुछ इस तरह है - मेरी मम्मी बेस्ट के साथ एवरेस्ट की तरह हैं...मेरी मम्मी ऑलराउंडर हैं और she is my whole world..and my best friend
ये हैं मम्मी के दुलारे गौरांश जो कि हल्द्वानी के उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय समीप रहते हैं इनके साथ इनकी मम्मी निशा और उनकी गोदी में इनकी छोटी बहन आध्या.. लिख रहें हैं कि - मां पर जितना भी लिखा जाए कम ही है..अपने सारे दुख तकलीफ किनारे रख हमेशा मुस्कुराने वाली खूबी सिर्फ मां ही हो सकती है। मां भगवान का दिया सबसे अच्छा आर्शीवाद है।