Sambhal News : बच्चों को चिड़चिड़ा बना रहा मोबाइल, बिगड़ रही मनोदशा...ऐसे छुड़ाएं आदत

मनोवैज्ञानिक ने परिजनों को दे रहे बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की सलाह, जिला अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे चिड़चिड़ेपन के शिकार बच्चे

Sambhal News : बच्चों को चिड़चिड़ा बना रहा मोबाइल, बिगड़ रही मनोदशा...ऐसे छुड़ाएं आदत

फोटो-1-डा. प्रेमपाल सिंह,मनोवैज्ञानिक चिकित्सक,जिला संयुक्त चिकित्सालय 

गौरव वर्मा, अमृत विचार। बेशक हाईटेक युग में जरूरी कामों के साथ-साथ पढ़ाई में भी मोबाइल की अहम भूमिका सामने आ रही है लेकिन यही मोबाइल बच्चों को डिप्रेशन का शिकार बना रहा है। जिला अस्पताल में रोजाना दो से चार बच्चे ऐसे पहुंच रहे हैं जो चिड़चिड़ेपन के शिकार हैं और जरा-जरा सी बात पर गुस्सा करते हैं। मनोवैज्ञानिक चिकित्सक भी ऐसे हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए अभिभावकों को बच्चों को मोबाइल से दूर रखने और उनकी रुचि वाले खेल और म्यूजिक में लगाने की सलाह दे रहे हैं।

अकसर देखने में आता है कि स्कूल में पढ़ाई के बाद बच्चे जब घर पहुंचते हैं तो खाना खाकर मोबाइल में खो जाते हैं। मोबाइल में तमाम तरह की चीजों को देखकर उनके दिमाग में भी अलग-अलग तरह की गतिविधियां घर कर जाती हैं। ऐसे में जब बच्चों की किसी गलती पर अभिभावक डांटते हैं तो वह चिड़चिड़ा व्यवहार करते हैं। इतना ही नहीं, अभिभावकों से बहस करते हुए उल्टा जवाब भी दे देते हैं। जो बच्चे दिमागी रूप से ज्यादा परेशान दिखाई दे रहे हैं, उन्हें लेकर अभिभावक परेशान हैं। जिला अस्पताल में ही पिछले कई दिनों से ऐसे बच्चों को लेकर अभिभावक पहुंच रहे हैं जिनका व्यवहार ठीक नहीं है। 

ऐसे बच्चों की संख्या रोजाना दो से चार सामने आ रही है। जिला अस्पताल के मनोवैज्ञानिक चिकित्सक डॉ.प्रेमपाल सिंह ने बच्चों के बारे में पूर्ण जानकारी लेते हुए इलाज शुरू करा दिया है। हालांकि उनका कहना है कि अगर बच्चों को मोबाइल से दूर रखा जाए तो शायद ऐसे हालात न बनें। बच्चों को दिमागी परेशानी बढ़ती रही तो उनकी दवा शुरू कराने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचेगा।

कार्यशाला में भी दिमागी परेशानी की बात आई सामने

डॉ.प्रेमपाल सिंह ने कहा कि पिछले दिनों संभल, चंदौसी और जुनावई क्षेत्र के स्कूलों में कार्यशाला हुई थी। वहां भी यह बात सामने आई थी कि बच्चे दिमागी रूप से परेशान रहते हैं। अभिभावकों के डांटने पर गुस्से में होकर गलत जवाब देते हैं। ऐसे में अभिभावकों को समझाया गया कि वह बच्चों को मोबाइल से दूर रखें और अन्य चीजों में व्यस्त करने का काम करें।

ऐसे छुड़ाएं आदत
         
  • रुचि वाले खेल, कैरम बोर्ड, डांसिंग और म्यूजिक में समय व्यतीत कराएं।
  • बच्चों को मोबाइल से दूर रखा जाए।
  • मन की बात जानने का प्रयास करें।
  • बच्चों को सुबह के वक्त योगा कराया जाए।
  • बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए।

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