Kanpur: फर्जी ई-मेल आईडी से शिक्षकों का हुआ चयन, वेतन भी पास; शिक्षा विभाग ने शुरू की जांच
जिले के दो बालिका विद्यालयों में बच्चों को पढ़ा रहे थे
कानपुर, अमृत विचार। एक फर्जी ई-मेल पर शिक्षा विभाग में शिक्षकों के चयन का मामला सामने आया है। फिलहाल विभाग की ओर से ऐसे दो शिक्षकों को जद में लिया है जिनका उस आईडी के जरिए माध्यमिक बालिका विद्यालयों में चयन हुआ।
खास बात यह है कि फर्जी ई-मेल आईडी के जरिए चयनित होने वाले शिक्षक वेतन भी हासिल कर रहे थे। खुलासा होने के बाद अब शिक्षा विभाग की ओर से पूरे मामले की जांच की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि जांच में दोषी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
पूरा मामला वर्ष 2023 अक्टूबर से शुरू हुआ। शिक्षा विभाग में जांच के दौरान पाया गया कि 20 अक्टूबर 2023 को एडी चयन आयोग का एक पत्र एडी माध्यमिक की ई-मेल आईडी से जिले के शिक्षा विभाग को आया। उस पत्र में पैनल में शामिल शिक्षकों के नाम दिए गए थे।
बड़े अधिकारियों का आदेश मानकर उस वक्त डीआईओएस – दो की ओर से दो शिक्षकों को चयन पत्र जारी कर दिया गया। दोनों ही शिक्षकों की आर्य कन्या इंटर कॉलेज और मदन मोहन अग्रवाल बालिका इंटर कॉलेज में नियुक्त हुई। नवंबर महीने में नियुक्ति होने के बाद दोनों ही स्कूलों के शिक्षकों को वेतन भी जारी किया जाने लगा।
शिक्षा विभाग की ओर से कुछ दिन पूर्व रूटीन जांच के दौरान यह प्रकरण सामने आए। शिक्षा विभाग के अधिकारी अब यह मान रहे हैं कि यह मामला विस्तृत भी हो सकता है। इसलिए पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच की जा रही है।
मामले पर जिला विद्यालय निरीक्षक अरुण कुमार ने बताया कि जांच के दौरान यह प्रकरण सामने आया है। पूरे मामले पर कॉलेज के प्रबंधकों से भी अभिलेख मंगाए जाने का आदेश दिया गया है। फर्जी ई-मेल आईडी को भी जांच के दायरे में रखा गया है।
‘06’ लगाकर बनाई फर्जी मेल आईडी
शिक्षा अधिकारियों ने जांच के दौरान पाया कि चयन बोर्ड का वह पत्र जो एडी माध्यमिक की ई-मेल से अग्रसारित किया गया था, उस फर्जी आईडी में सिर्फ 06 जोड़ा गया था। पूरी ई-मेल आईडी हूबहू होने की वजह से अधिकारियों की ओर से उसकी जांच नहीं की गई। आईडी के जरिए दिए गए आदेश के अनुसार पूरी प्रक्रिया का पालन कर दिया गया।
पैनल में भी सभी शिक्षक फर्जी
फर्जी ई-मेल आईडी के जरिए जो पत्र शिक्षा विभाग में आया, उस पत्र में 9 शिक्षकों का पैनल दिया गया था। इनमें दो शिक्षकों को भी जद में लाया गया है। बाकी शिक्षक कहां हैं? इसकी जांच की जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि फर्जी ई-मेल आईडी के जरिए आए पत्र में पैनल में दिए गए नाम भी ज्यादातर फर्जी ही है।