मजहबी आधार पर देश के विभाजन की आधारशिला रखना चाहते हैं कांग्रेस और सहयोगी दल : CM योगी 

मजहबी आधार पर देश के विभाजन की आधारशिला रखना चाहते हैं कांग्रेस और सहयोगी दल : CM योगी 

लखनऊ, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल मजहबी आधार पर देश के विभाजन की आधारशिला रखना चाहते हैं। अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्‍यमंत्री योगी ने जनता को कांग्रेस के घोषणा पत्र के प्रति आगाह किया और उसे भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए घातक बताया। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया ''कांग्रेस और सहयोगी दल देश की राजनीति का तालिबानीकरण करने पर उतारू हो चुके हैं। माओवादी दुष्प्रवृत्ति को फिर से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। पर्सनल लॉ के जरिए तीन तलाक जैसी कुप्रथा को पुनर्स्थापित करके महिलाओं का अपमान करने का प्रयास किया जा रहा है।’’ 

उन्होंने कहा कि इसीलिए इन मुद्दों को आज के परिप्रेक्ष्य में भाजपा पुरजोर तरीके से उठाकर इसका विरोध कर रही है। यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार योगी ने कहा ''कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में देश के तालिबानीकरण से लेकर जनता की संपत्ति और पर्सनल लॉ जैसे मुद्दों को समर्थन देकर मजहबी आधार पर देश के विभाजन की आधारशिला रखना चाहती है।'' चुनाव में अप्रासंगिक मुद्दे उठने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा शुरू से ही विकास, सुरक्षा और सुशासन के मुद्दे के साथ चुनाव में उतरी थी। उन्होंने कहा कि पहले चरण का मतदान इन्हीं मुद्दों पर हुआ, मगर विपक्षी गठबंधन के सबसे महत्वपूर्ण घटक कांग्रेस के घोषणापत्र ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उन्होंने कहा ''भाजपा हर हाल में इसका पुरजोर विरोध करेगी।'' 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के सलाहकार सैम पित्रोदा का वक्तव्य सबने पढ़ा है और संप्रग सरकार के दौरान रंगनाथ मिश्रा कमेटी और सच्चर कमेटी की रिपोर्ट कांग्रेस लेकर आई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार पिछड़े वर्ग के आरक्षण में जबरदस्ती मुस्लिमों को डालकर ओबीसी के अधिकार का बंदरबांट कर रही है। उन्होंने कहा ‘‘विरासत टैक्स, संपत्ति का एक्स-रे कराने की बात, संपत्ति को कब्जे में लेने की बात करके ये लोग मजहबी आधार पर देश के विभाजन की आधारशिला रखना चाहते हैं।

ये भी पढ़ें -सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT से जुड़ी सभी याचिकाएं की खारिज, Ballot Paper की मांग भी ठुकराई