15 दिनों के लिए टाला गया को-वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल

लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में अक्टूबर के मध्य से शुरू होने वाले को-वैक्सीन का तीसरा ट्रायल लगभग 15 दिनों के लिए टाल दिया गया है। इससे पहले कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण 15 अक्टूबर से एसजीपीजीआई और बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर समेत देश के कुछ अन्य स्थानों पर …
लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में अक्टूबर के मध्य से शुरू होने वाले को-वैक्सीन का तीसरा ट्रायल लगभग 15 दिनों के लिए टाल दिया गया है। इससे पहले कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण 15 अक्टूबर से एसजीपीजीआई और बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर समेत देश के कुछ अन्य स्थानों पर शुरू होने वाला था।
एसजीपीजीआई के निदेशक, प्रोफेसर राधा कृष्ण धीमान ने बुधवार को यहां कहा कि को-वैक्सीन के चरण-2 के ट्रायल के परिणामों का मूल्यांकन अभी भी भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल द्वारा किया जा रहा है। इसलिए अब अगले चरण के ट्रायल अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है। को- वैक्सीन पहला स्वदेशी विकसित कोरोना वायरस का टीका है। इसे भारत बायोटेक और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा देश भर के 12 केंद्रों पर चरण 1 और 2 का ट्रायल किया गया। उन्होंने बताया कि को- वैक्सीन के चरण-3 ट्रायल का बहुत महत्वपूर्ण है। यह वैक्सीन के उत्पादन के लिए हरी झंडी देने से पहले अंतिम फैसला होगा।
अब तक को-वैक्सीन के पहले दो चरणों ने आशाजनक परिणाम मिले हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या पिछले 24 दिनों से कम हो रही थी और 17 सितंबर को पीक रिकॉर्ड करने के बाद यह लगभग 44 प्रतिशत कम हो गया था। गौरतलब है कि लखनऊ में स्थित पीजीआई को-वैक्सीन का तीसरा ट्रायल अक्टूबर के मध्य में शुरू करने वाला था। पीजीआई प्रशासन ने इसकी कार्य योजना बनाई है। 24 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन ‘को-वैक्सीन’ को पीजीआई और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज को ट्रायल की मंजूरी दी थी। यह ट्रायल दो अलग अलग उम्र के स्वास्थ्य लोगों में किया जाएगा। जो कोरोना संक्रमण की चपेट में न आए हो। हालांकि, इनमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायरायड आदि गंभीर मरीजों में होगा।